जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को स्टार प्रचारक के दर्जे से हटा दिया था. कमलनाथ ने स्टार प्रचारक से हटाये जाने के बाद चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी थी कि आयोग ने उनके वैधानिक अधिकारों का हनन किया है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ए.एस.बोबडे, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और जस्टिस वी.रामासुब्रमन्यम की पीठ ने कमलनाथ मामले की सुनवाई की. भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ए.एस.बोबडे ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि कि अब वह इस मामले की सुनवाई करेंगे कि क्या चुनाव आयोग के पास किसी पार्टी के स्टार प्रचारक का दर्जा छीनने का अधिकार है.
चुनाव आयोग का कहना है कि कमलनाथ चुनावी सभाओं में बार-बार आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे. यही वजह है कि उसने पूर्व मुख्यमंत्री को स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटाने का आदेश दिया.
चुनाव आयोग के फैसले पर कमलनाथ ने कहा कि कौन व्यक्ति स्टार प्रचारक होगा यह तय करना पार्टी का काम है चुनाव आयोग का नहीं. चुनाव आयोग इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता. आयोग का यह फैसला बुनियादी अधिकार का उल्लंघन है. कमलनाथ ने कहा कि वह अगर आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे तो चुनाव आयोग को नोटिस देना चाहिए था जो उसने नहीं दिया.
यह भी पढ़ें : भविष्य की सुरक्षा के लिए निवेश का रास्ता अपनाती हैं ऐश्वर्या राय बच्चन
यह भी पढ़ें : महिलाओं के कपड़े उतरवाने वाले एयरपोर्ट अधिकारियों पर चलेगा मुकदमा
यह भी पढ़ें : बेटे की मौत के बाद यह अनोखी मुहीम छेड़ने वाले हैं सांसद कौशल किशोर
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : लव – जेहाद – राम नाम सत्य
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा उपचुनाव के दौरान कमलनाथ ने कैबिनेट मंत्री इमरती देवी को आइटम और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नौटंकी कलाकार कहा था. इन्हीं बयानों को चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन माना था.