जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। आरोग्य सेतु एप के बारे में जानकारी ना होने की बात कहने और इसके बाद केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के नोटिस के बाद हुई भारी किरकिरी को देखते हुए सफाई देते हुए केन्द्र ने कहा कि वह इस एप से जुड़ी सभी जानकारियां देने को लेकर प्रतिबद्ध है।
केन्द्र सरकार ने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत कंट्रैक्ट ट्रेसिंग एप्लिकेशन के बारे में मांगी गई सभी जानकारियां देने को लेकर वह प्रतिबद्ध है और सीआईसी के निर्देशों का पालन करती है।
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एप को डेवलप किए जाने के बारे में सरकार की तरफ से जवाब ना दिए जाने पर नोटिस जारी कर सीआईसी ने इस बारे में सफाई मांगी गई थी।
इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आरोग्य सेतु एप के बारे में सही जानकारी नहीं देने के मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। मंत्रालय ने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। मंत्रालय ने NIC और NeGD को भी निर्देश दिया है कि वे अपने संगठनों में RTI के मामले को देखने वाले अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करें।
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वहीं मंत्रालय ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि हम आवेदक द्वारा आरटीआई अधिनियम के तहत मांगी गई सभी जानकारी प्रस्तुत करने और केंद्रीय सूचना आयोग के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नेशनल इंफोर्मेटिक्स ब्यूरो (एनआईसी), जो सरकारी वेबसाइट डिजाइन करता है और आईटी मंत्रालय के अंतर्गत आता है, ने एक आरटीआई जवाब में कहा था कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आरोग्य सेतु एप किसने बनाया है और इसे कैसे बनाया गया है। इसके बाद ही केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा इन्हें नोटिस भेजा गया था।
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आरोग्य सेतु एप पर उठ रहे सवालों पर सरकार ने सफाई पेश करते हुए कहा कि आरोग्य सेतु एप भारत सरकार के जरिए पब्लिक प्राइवेट मोड पर बनाया गया है। माईजीओवी (MyGoV) और डिजिटल इंडिया के सीईओ अभिषेक सिंह ने कहा कि नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (NIC) और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मिलकर इस एप को बनाया है।
उन्होंने आगे कहा कि यह एप रिकॉर्ड वक्त में तैयार कराया गया है और इसमें किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है और यह पूरी तरह से पारदर्शी है। देश में कोरोना वायरस को रोकने में इस एप ने बहुत मदद की है। इस ऐप को रिकॉर्ड 21 दिनों में तैयार कर लिया गया था।
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