जुबिली न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश में उपचुनाव की तारीख से ठीक पहले एमपी में सरकारी कर्मचारियों को लेकर सियासत गर्म हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर कर्मचारियों को धमकाने के आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से इस मामले पर संज्ञान लेने की अपील की है। सीएम शिवराज ने कहा है कि आचार संहिता के दौरान कर्मचारियों को धमकाना आचार संहिता का उल्लंघन है। लिहाजा चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा कि उपचुनाव में अपनी संभावित हार को देखते हुए कमलनाथ और दिग्विजय सिंह बौखला गए हैं। यही वजह है कि कर्मचारियों को धमकाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता सरकारी कर्मचारियों का अपमान कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले कमलनाथ ने अपने एक बयान में आरोप लगाते हुए कहा था कि कुछ सरकारी कर्मचारी बीजेपी के पक्ष में काम कर रहे हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि 10 के बाद 11 तारीख भी आती है।
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पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक दिन पहले ही प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया था कि भाजपा को स्पष्ट लग रहा है कि चुनाव के क्या परिणाम आने वाले हैं। इसलिए बाजार में निकल गए हैं, जो मिले खरीद लो, उनके पास बस यही उपाय रह गया है।
कमल नाथ ने कहा था कि हमारा चुनाव भाजपा के साथ ऐसे कर्मचारियों अधिकारियों से भी है, जो भाजपा की मदद कर रहे हैं। 10 के बाद 11 तारीख भी आएगी। यह सभी अधिकारी ध्यान रखे। कमल नाथ के इस बयान पर सीएम शिवराज ने पलटवार किया है ।
बताते चले कि 10 नवंबर के बाद 11 नवंबर भी आती है। कमलनाथ के इस बयान को सीधे तौर पर चुनाव के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि उपचुनाव की 28 सीटों के लिए 3 नवंबर को मतदान होना है। जबकि 10 नवंबर को चुनाव नतीजे सामने आएंगे।
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कमलनाथ ने अपने बयान में कहा था कि कर्मचारी यह ध्यान रखें कि 10 नवंबर के बाद 11 नवंबर भी आती है। आपको बता दें कि इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी की ओर से इसी तरह के आरोप लगाए गए थे, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस को बीजेपी से ज्यादा सीटें मिली और उसने प्रदेश में सरकार बनाई थी। उप चुनाव के पहले सरकारी कर्मचारियों को लेकर सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है।