जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र की धारणा सितंबर तिमाही में भी निराशावादी बनी रही। हालांकि अगले छह महीने को लेकर परिदृश्य सकारात्मक हुआ है और मांग में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। एक सर्वेक्षण में ये बातें कही गयीं।
नाइट फ्रैंक, फिक्की और नारेडको के द्वारा जारी ‘रियल एस्टेट धारणा सूचकांक तीसरी तिमाही 2020 सर्वेक्षण’ के अनुसार, जुलाई से सितंबर तिमाही के दौरान ‘मौजूदा धारणा स्कोर’ सुधरकर 40 अंक पर पहुंच गया। यह एक तिमाही पहले महज 22 अंक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर था। हालांकि यह अभी भी निराशावादी बना हुआ है।
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ये सर्वेक्षण रियल एस्टेट डेवलपरों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों और निजी इक्विटी कंपनियों के लिये जारी किया जाता है। सर्वेक्षण के अनुसार, ‘भविष्य की धारणा का स्कोर’ पिछले तिमाही के 41 अंक से सुधरकर 52 अंक पर पहुंच गया।
स्कोर का सूचकांक 50 से कम रहना धारणा के निराशावादी होने की बात बताता है। हालांकि सूचकांक के 50 से ऊपर रहने पर माना जाता है कि धारणा आशावादी यानी सकारात्मक है।
सूचकांक 50 अंक पर रहे तो उसे उदासीन कहा जाता है। सर्वेक्षण में शामिल करीब 57 प्रतिशत लोगों की राय है कि अगले छह महीने में अर्थव्यवस्था में सुधार होने वाला है और यह वृद्धि करने वाली है।