जुबिली न्यूज डेस्क
आखिरकार जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती रिहा हो ही गई। 14 माह में नजरबंद मुफ्ती ने रिहाई के बाद अपना एक ऑडियो संदेश जारी किया और जम्मू-कश्मीर के लिए संघर्ष का ऐलान किया।
पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और धारा 35 ए को खत्म करने से ठीक पहले जन सुरक्षा कानून के तहत महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किया गया था।
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मंगलवार को करीब 14 महीने बाद महबूबा की रिहाई के बाद उनकी पार्टी के लेागों ने खुशी व्यक्त किया। रिहाई के बाद मुफ्ती ने कहा कि उस काले दिन का काला फैसला उनके दिमाग में हर रोज खटकता रहा है और इसके लिए वह संघर्ष करेंगी।
अपने ट्विटर अकाउंट पर करीब 1 मिनट 23 सेकेंड के अपने ऑडियो संदेश में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘मैं आज एक साल से भी ज्यादा अर्से के बाद रिहा हुई हूं। इस दौरान 5 अगस्त 2019 के उस काले दिन का काला फैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर हर पल वार करता रहा। मुझे एहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के लोगों की रही होगी। हम में से कोई भी शख्स उस दिन की बेइज्जती को भूल नहीं सकता।’
अपने संदेश में वह आगे कहती हैं, ‘दिल्ली दरबार ने गैर कानूनी, गैर लोकतांत्रिक और गैर कानूनी तरीके से हमसे छीन लिया, उसे वापस लेना होगा। बल्कि उसके साथ-साथ कश्मीर के मसले को हल करने के लिए जद्दोजहद जारी रखनी होगी, जिसके लिए हजारों लोगों ने अपनी जानें न्योछावर की। मुफ्ती ने कहा कि मैं मानती हूं कि यह रास्ता आसान नहीं है, मुझे यकीन है कि हौसले से यह दुश्वार रास्ता भी तय होगा। आज जब मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने भी लोग देश की जेलों में बंद हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।’
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After being released from fourteen long months of illegal detention, a small message for my people. pic.twitter.com/gIfrf82Thw
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
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केंद्र द्वारा इस राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने एवं अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाये जाने के समय कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं महबूबा समेत कई अन्य नेताओं के साथ हिरासत में ले लिया गया था। उन्हें सीआरपीसी की धारा 107 और 151 के तहत हिरासत में लिा गया था लेकिन बाद में उनके खिलाफ जन सुरक्षा अधिनयिम के तहत मामला दर्ज किया गया।
वहीं मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने उन्हें हिरासत में रखे जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी जिसकी पिछली सुनवाई 29 सितंबर को हुई थी। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं – फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को सात माह की हिरासत के बाद मार्च में रिहा कर दिया गया था।
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