जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कोरोना महामारी की वजह से पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से गतिमान करने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों को 50 साल के लिए 12 हज़ार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देने का प्रस्ताव पेश किया है. यह ऋण तीन हिस्सों में देने का प्रस्ताव है. पहले हिस्से में 25 सौ करोड़, दूसरे हिस्से में 75 सौ करोड़ और तीसरे हिस्से में दो हज़ार करोड़ रुपये का ऋण देने का प्रस्ताव है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि राज्यों की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ब्याज मुक्त ऋण की जो तैयारी की गई है उसमें पहली क़िस्त के रूप में दिए जाने वाले ढाई हज़ार करोड़ रुपये में से 1600 करोड़ रुपये नार्थ ईस्ट को और 900 करोड़ रुपये उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को दिए जायेंगे.
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वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों को एलटीसी के बदले कैश वाउचर्स मिलेंगे. कर्मचारी के हाथ में नगद पैसा आएगा तो कंज्यूमर डिमांड में बढ़ावा मिलना भी तय है. सरकारी कर्मचारियों को त्योहारों पर दस हज़ार रुपये एडवांस दिए जायेंगे जिसका ब्याज नहीं लिया जायेगा.
वित्त मंत्रालय का मानना है कि राज्यों को 12 हज़ार करोड़ के ब्याज मुक्त ऋण से देश की जीडीपी ग्रोथ में तेज़ी आयेगी.