जुबिली न्यूज़ डेस्क
एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने शनिवार को पुलस्त द्वारा जेल से भेजा गया एक पत्र सार्वजनिक किया। यह पत्र 9 अगस्त 2020 की रात सर्वोदय नगर, इंदिरा नगर, लखनऊ निवासी पुलस्त तिवारी के लखनऊ पुलिस से हुए कथित मुठभेड़ के संबंध में है।
पत्र के अनुसार 09 अगस्त की शाम लगभग 06.30 दो पुलिसवाले महेश दुबे तथा मोहित सोनी पुलस्त के घर आये तथा खुद को आशियाना थाने का दरोगा बताते हुए उसे अपनों हुंडई क्रेटा गाड़ी में बैठा कर ले गए। इन लोगों ने आशियाना चौकी के सामने गाड़ी खड़ी कर दी और पुलस्त के सामने ही इंस्पेक्टर आशियाना संजय राय तथा सीओ को इस संबंध में सूचित किया।
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इसके बाद वे पुलस्त को भीम राव आंबेडकर विश्विद्यालय के बगल में कूड़े वाले रास्ते पर ले गए। वहां ले जाकर उन्होंने पुलस्त से कहा कि यदि बचना है तो दो लाख रुपये दे दो। पुलस्त द्वारा इस संबंध में असमर्थता दिखाने पर पुलिसवालों ने उसके मुंह, हाथ एवं पैर पर कपड़ा बांध कर गोली मार दिया। फिर उसे फोटो खिंचवाने तथा कट्टा पकड़वाने के लिए मारा-पीटा गया। पुलस्त के अनुसार उसे संजय राय द्वारा गोली मारी गयी थी।
इस संबंध में नूतन द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की गयी है, जिनके द्वारा लखनऊ पुलिस से जवाब मांगा गया है।
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