जुबिली न्यूज डेस्क
मौसम कोई भी हो पर कुल्हड़ की चाय हमेशा मन को भाती है। कुल्हड़ की भीनी और सौंधी खुशबू चाय के स्वाद को और बढ़ा देती है।
पर दिक्कत यह है कि हर जगह कुल्हड़ की चाय मिलती नहीं है। जबकि कुल्हड़ की चाय कितनी फायदेमंद है यह बहुत कम ही लोग जानते हैं।
एक समय था जब ट्रेन, बस, ठेला और ढ़ाबों पर कुल्हड़ में चाय मिलती थी। पर समय बदलने के साथ लोगों ने कुल्हड़ को रिप्लेस कर प्लास्टिक के ग्लास को अपना लिया। अब तो गिनी-चुनी जगहों पर ही कुल्हड़ वाली चाय मिलती है।
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अब चाय की टपरी और ढाबों पर कुल्हड़ की जगह शीशे और डिस्पोजल ग्लासों ने ले ली है, लेकिन आज भी कुल्हड़ की चाय की बात ही अलग है। मिट्टी के कुल्हड़ में जब गर्म चाय डाली जाती है तो इसकी सौंधी खुशबू चाय के स्वाद को दोगुना कर देती है।
कुल्हड़ की चाय स्वाद के मामले में ही नहीं बल्कि सेहत के लिहाज से भी लाजवाब होती है। जी हां, कुल्हड़ में चाय पीने के कई स्वास्थ्य फायदे होते हैं।
बैक्टीरिया से रखता है दूर
कुल्हड़ स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत के लिहाज से भी फायदेमंद होता है। ग्रामीण इलाकों में आज भी मिट्टी के कुल्हड़ों में चाय पी जाती है।
कांच के गिलास या फिर डिस्पोजल में चाय पीने से बेहतर होता है कि हम मिट्टी के कुल्हड़ में चाय पीएं, ऐसा क्यों? यह भी जान लीजिए। ज्यादातर दुकानों पर देखने में आता है कि चाय के लिए उपयोग किए जाने वाले कांच के गिलासों के सही तरह से साफ नहीं किया जाता है, जिसकी वजह से बैक्टीरिया या रोग के कीटाणुओं के संपर्क में आने की संभावना बहुत ज्याद बढ़ जाती है।
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वहीं प्लास्टिक के डिस्पोजल गिलास में गर्म चाय डालने से इसके कुछ तत्व चाय में मिल जाते हैं जो शरीर के अंदर पहुंचकर आपको नुकसान पहुंचाते हैं, जबकि कुल्हड़ में चाय पीने के बाद उसको दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जिसकी वजह से हम किसी भी तरह के बैक्टीरिया के संपर्क में आने से बच जाते हैं।
इसके अलावा भी कुल्हड़ की चाय पीने के कई लाभ हैं।
बढ़ती है कैल्शियम की मात्रा
मिट्टी के बर्तनों में क्षारीय स्वभाव पाया जाता है, जो हमारे शरीर में एसिडिक स्वभाव को कम करने में सहायता करता है। मिट्टी के बर्तन में कुछ खाने या फिर चाय पीने से कैल्शियम की मात्रा भी शरीर में पहुंचती है, जो हमारी हड्डियों के लिए फायदेमंद होती है।
इसके अलावा कुल्हड़ इको फ्रेंडली होते हैं। इनका उपयोग करने के बाद ये फिर से मिट्टी में ही परिवर्तित हो जाते हैं जो हमारे पर्यावरण के लिए फायदेमंद होता है।
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वहीं डिस्पोजल ग्लास में चाय पीने से हमारे पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही प्लास्टिक के ग्लास पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक होते हैं। वहीं कुल्हड़ इको फ्रेंडली होते हैं। इनका उपयोग करने के बाद ये फिर से मिट्टी में ही परिवर्तित हो जाते हैं।