जुबिली न्यूज डेस्क
हाथरस गैंगरेप मर्डर केस में यूपी की योगी सरकार ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा एजेसियों ने विरोध प्रदर्शन की आड़ में प्रदेश में जातीय दंगे भड़काने और सीएम योगी आदित्यनाथ की छवि खराब करने की बड़ी साजिश का खुलासा किया है।
सरकार के अनुसार वेबसाइट को इस्लामिक देशों से फंडिंग मिल रही थी। एम्नेस्टी इंटरनेशनल संस्था से भी इसके कनेक्शन पर जांच की जा रही है। जिन्हें विकास अच्छा नहीं लग रहा है, वह जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं।
जिन्हें विकास अच्छा नहीं लग रहा है, वह जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं।
इन दंगों की आड़ में उन्हें राजनीतिक रोटियां सेंकने का अवसर मिलेगा,इसलिए वे नित नए षड्यंत्र करते हैं,इन षड्यंत्रों के प्रति पूरी तरह आगाह होते हुए हमें विकास की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना है। pic.twitter.com/vbo7yUgH7H
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 4, 2020
इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया कि विपक्ष दंगा फैलाना चाहता है। इन दंगों की आड़ में उन्हें राजनीतिक रोटियां सेंकने का अवसर मिलेगा,इसलिए वे नित नए षड्यंत्र करते हैं,इन षड्यंत्रों के प्रति पूरी तरह आगाह होते हुए हमें विकास की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना है।
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में माहौल खराब करने साजिश रचने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। प्रदेश में दंगा फैलाने की साजिश कौन रच रहा है ये तो इंटेलिजेंस एजेंसियां पता लगा लेंगी। साथ ही सीबीआई इस का भी पता लगा लेगी कि आखिर रात में पुलिस ने गैंगरेप पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार परिवार से बिना पूछे क्यों किया।
लेकिन इस पूरे प्रकरण में बीजेपी नेताओं की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। दरअसल, खबर है कि इस कांड के चारों आरोपियों से मिलने स्थानीय बीजेपी सांसद राजवीर सिंह दिलेर जेल पहुंचे, लेकिन जेलर ने उन्हें मिलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
हालांकि, सांसद ने इस बात से इनकार किया है कि वह आरोपियों से मिलने गए थे। उनका कहना है कि जेलर से उनके व्यक्तिगत संबंध हैं। जेलर ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है।
इससे पहले बीजेपी के पूर्व विधायक राजवीर पहलवान के घर पर सर्वसमाज की पंचायत में गैंगरेप प्रकरण में जेल भेजे गए सभी आरोपियों को निर्दोष बताया गया। हालांकि, इस मौके पर यूपी सरकार के पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने के फैसले का स्वागत भी किया गया।
पूर्व विधायक के आवास पर आयोजित महापंचायत में राजवीर ने कहा कि 14 सितंबर को घटना के समय पीड़िता और उसकी मां ने थाना और जिला अस्पताल में घटना की सच्चाई के बारे में बताया, लेकिन पुलिस ने उनके बयानों को नजरंदाज कर दिया। पुलिस ने दबाव में आकर गैंगरेप जैसी धाराओं में लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
हकीकत कुछ और ही है
पूर्व विधायक ने कहा कि हकीकत कुछ और ही है। इसके बारे में पूरा जिला जानता है। उन्होंने मीडिया पर भी नाराजगी जाहिर की। कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं, अब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एसआईटी के अधिकारियों से बातचीत हो चुकी है। वह आरोपी परिवारों का बयान दर्ज करेगी।
इस मौके पर पूर्व विधायक ने चार वकीलों को एसआईटी के अधिकारियों से मिलकर पक्ष रखने की भी जिम्मेदारी सौंपी। पूर्व विधायक के बेटे मनवीर सिंह ने कहा कि पुलिस ने जिन लोगों को जेल भेजा है वे निर्दोष हैं। मेडिकल रिपोर्ट में कोई रेप की पुष्टि नहीं हुई है। मीडिया ने ट्रायल कर दिया और उन्हें फांसी के फंदे पर पहुंचाने की मांग कर डाली जोकि पूरी तरह से परिवारों के साथ अन्याय है।