जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सितंबर के महीने में आर्थिक आंकड़े वृद्धि के सामान्य स्थिति की ओर आने के ‘विश्वसनीय संकेत’ संकेत दर्शा रहे हैं और सरकार लोगों की तकलीफ को दूर करने के लिए कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।
मंत्रालय ने कहा कि कोविड संकट के पिछले छह महीनों के दौरान राजकोषीय प्रोत्साहन और राहत देने के साथ ही सभी हितधारकों और नागरिकों की चिताओं को दूर करने के लिए हर संभव उपाय किए गए है। वित्त मंत्रालय ने आगे कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मांग और आपूर्ति दोनों को बढ़ाने के लिए मदद की गई।
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मंत्रालय ने एक बयान में कहा कोरोना वायरस महामारी के दौरान सरकार के उपायों का असर अब दिखने लगा है और सितंबर के महीने के आंकड़े आर्थिक वृद्धि के सामान्य स्थिति की ओर आने के विश्वसनीय संकेत दे रहे हैं।
बयान में आगे कहा गया कि अर्थव्यवस्था और लोगों की आजीविका पर कोविड-19 के प्रकोप को कम करने के लिए सभी संभावनाएं खुली हैं और वित्त मंत्री को लोगों की पीड़ा दूर करने के लिए किसी भी उपाय से परहेज नहीं है।
व्यापारिक गतिविधियों के शुरू होने का असर अब दिखने लगा है। सितंबर महीने में 95480 करोड़ रुपए के जीएसटी कलेक्शन से ही इस बात के संकेत मिल रहे हैं। यह साल-दर-साल आधार पर सितंबर महीने में 4 फीसदी बढ़ा है।
दो राहत पैकेज का ऐलान कर चुकी है सरकार
बता दें कोरोना काल में केंद्र सरकार ने दो वित्तीय पैकेज का ऐलान किया था। सबसे पहले 16 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (PMGKP) और फिर इसके बाद करीब 21 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया गया। दूसरे राहत पैकेज में फिस्कल और मॉनेटरी पॉलिसी के फैसलों को भी शामिल किया गया था।
इन पैकेज के तहत केंद्र सरकार ने कई उपाय किए, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों, विधवा महिलाओं, दिव्यांगों, महिला जन धन खाताधारकों, किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर किए गए। हेल्थकेयर सेक्टर में काम करने वाले लोगों को इंश्योरेंस कवरेज दिया गया और मनरेगा के तहत भी लोगों को काम दिए गए।
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