जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. भारत सरकार द्वारा बनाये गए नये कृषि क़ानून को महाराष्ट्र सरकार अपने राज्य में लागू नहीं करेगी. उद्धव ठाकरे की सरकार शुरू से ही इस दुविधा में थी कि नये कृषि क़ानून को लेकर क्या फैसला किया जाए लेकिन सरकार में सहयोगी कांग्रेस के रुख को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने तय किया कि वह अपने राज्य में इसे लागू नहीं करेगी. संसद में हाल ही में पास हुए किसान बिल को कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस दोनों ने ही किसान विरोधी बताया है.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा है कि किसान यह महसूस कर रहे हैं कि इस नये क़ानून की कोई ज़रूरत नहीं थी. यह क़ानून किसान को फायदा पहुंचाने वाले नहीं हैं. अजित पवार ने कहा है कि इस बिल का हम अध्ययन कर रहे हैं.
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों से कहा है कि वह अपने राज्यों में इस क़ानून को निष्प्रभावी बनाने के लिए क़ानून पारित करें. राज्य के पास ऐसा करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 254 ए में यह अधिकार है.