जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। यूपी के हाथरस मामले को लेकर विपक्ष ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। हालांकि इस मामले में योगी सरकार ने कई कड़े कदम उठाये लेकिन अब भी सरकार और पुलिस पर सवाल उठ रहा है।
उधर बीजेपी के कुनबे में इसको लेकर एक राय देखने को नहीं मिल रही है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की लोनी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने इस पूरे मामले में राज्यपाल को पत्र लिखकर यूपी के डीजीपी सहित हाथरस के डीएम और एसएसपी पर 302 की धारा में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। हालांकि इस मामले में उन्होंने सीएम योगी कोई पत्र नहीं लिखा है। इसके साथ बीजेपी विधायक ने इस पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भेजी है।
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पत्र पर गौर किया जाये तो इसमें साफ लिखा है कि देश की आजादी के बाद यह पहली घटना है, जिसमें पुलिस प्रशासन ने शीर्ष अधिकारियों के इशारे पर एक कथित दुष्कर्म और वीभत्स तरीके से कई गई हत्या मामले में बिना परिवार को भरोसे में लिए और उनका मौलिक अधिकार छीनते हुए उन्हें अर्थी को कंधा देने और मुखाग्नि देने तक नहीं दी। बता दें कि हाथरस मामले में कांग्रेस ने योगी सरकार के खिलाफ कड़ा रूख अपना रखा है। इतना ही नहीं इस मामले में कांग्रेस सडक़ पर उतर गई है।
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उल्लेखनीय है कि 14 सितम्बर को सुबह यह लडक़ी अपनी माँ और भाई के साथ खेत में काम करने के लिए गई थी। उसके भाई को माँ ने काम के लिए दूसरी तरफ भेज दिया। माँ-बेटी वहां काम कर रही थीं।
कुछ देर बाद माँ ने देखा कि बेटी वहां मौजूद नहीं है। उन्होंने उठकर ढूँढा तो बेटी की चप्पल मिली। ढूँढने पर कुछ दूर पर बेटी खून में लथपथ मिली। वह बुरी तरह से घायल थी।
घायल लडक़ी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. वहां से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज कराया गया। लडक़ी की रीढ़ की हड्डी, और गर्दन टूटी हुई थी, लडक़ी के घर वालों ने गैंगरेप का आरोप लगाया था लेकिन पुलिस ने गैंगरेप से इनकार किया था। 15 दिन चले इलाज के बाद ल?की की मौत हो गई. उसकी मौत के बाद जिस तरह से पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार किया उसने पुलिस पर ही सवालिया निशान लगा दिए।