जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में क्रिकेट को लेकर रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कोरोना की वजह बिहार में सबकुछ बंद पड़ा है। आलम तो यह है कि मैदान पर अब तक खेलों को बहाल नहीं किया गया है। बात अगर बिहार में क्रिकेट की जाये तो वहां पर खिलाडिय़ों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। आलम तो यह है कि बिहार में जो लोग क्रिकेट चलाते वो अभी तक जागे नहीं है। कोरोना के इस दौर में खिलाडिय़ों को किसी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिल रही है।
यह भी पढ़ें : CSK vs RR : तो इस वजह से हार गया चेन्नई
यह भी पढ़ें : IPL 2020 में छुपे रुस्तम साबित हो सकते ये चेहरे
इसको लेकर आदित्या वर्मा लगातर बिहारी खिलाडिय़ों के हक के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने इससे पहले सूबे के मुखिया नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था। इस पत्र के माध्यम से नीतीश कुमार से बिहार में क्रिकेट को लेकर कड़े कदम उठाने के लिए गुहार लगायी थी। अब आदित्या वर्मा ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को एक खत लिखा है और उनसे भी बिहार के क्रिकेट खिलाडिय़ों की मदद के लिए गुहार लगायी है। उन्होंने सोमवार को बिहार क्रिकेट की परेशानियों को लेकर एक पत्र लिखा है।
यह भी पढ़ें : RCB vs SRH : चहल ने की सनराइजर्स की बत्ती गुल
यह भी पढ़े : IPL 2020 : … ये फैसला केवल धोनी जैसा कप्तान ही ले सकता है
इस पत्र में उन्होंने कहा है कि बिहार में अभी चुनाव का महौल है लेकिन परिस्थिति ऐसी बन गयी है कि अपने गृह मंत्री को बता देना अति आवश्यक है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा प्रायोजित विभिन्न प्रकार के जूनियर-सीनियर पुरूष और महिला क्रिकेट प्रतियोगिताओं में अपने राज्य बिहार क्रिकेट टीम में खेल चुके खिलाड़ियों का टीए-डीए और मैच फीस का भुगतान वर्तमान में क्रिकेट चलाने वाले बिहार क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों ने नहीं किया है।
जबकि बीसीसीआई ने करीब 10.80 करोड़ रुपये की राशि बिहार क्रिकेट संघ के खाता बैंक ऑफ इंडिया के सचिवालय शाखा में पिछले साल बिहार क्रिकेट के विकास एवं राज्य क्रिकेट टीम के ओर से खेल चुके खिलाडिय़ों के लिए दी थी। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि कोरोना काल में खिलाडिय़ों को पैसा नहीं मिलने से परेशानी उठानी पड़ रही है।