जुबिली स्पेशल डेस्क
कोरोना काल में आईपीएल शुरू हो गया है। पहले मुकाबले में चेन्नई की टक्कर मुम्बई से थी। कहा जा रहा था कि इस मुकाबले में मुम्बई चेन्नई पर भारी पड़ेगी लेकिन हुआ इसका उलट धोनी की टीम ने पांच विकेट से मुम्बई को शिकस्त दी है। दरअसल आईपीएल शुरू होने से पहले माही की टीम पर कोरोना का कहर टूटा था। इतना ही नहीं रैना और भज्जी ने पहले निजी कारण बताकर आईपीएल से किनारा कर लिया था।
इस वजह से चेन्नई की टीम थोड़ी कमजोर पड़ती दिख रही थी लेकिन मुम्बई को हराकर सबको चौंका दिया है। इसके साथ चेन्नई ने बता दिया है कि रैना के जाने से उनकी टीम की सेहत पर कोई खास असर नहीं हुआ है।
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विश्व कप के बाद माही मैदान पर पहली बार उतरे थे। ऐसे में उनपर सबकी नजरे थी। धोनी ने एक ओर शानदार कप्तानी करते हुए बड़े स्कोर की बढ़ मुम्बई की टीम को 162 रन के स्कोर पर रोक दिया था। उनकी कप्तानी को लेकर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता है। उन्होंने कल के मैच में एक बड़ा फैसला तब लिया जब मैच एकदम रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया था।
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दरअसल चौथे विकेट के रूप में रवींद्र जडेजा के आउट होने के बाद मैच एक बार फिर मुम्बई की तरफ जाता दिख रहा था लेकिन धोनी के एक फैसले से पूरा मैच पलट गया। धोनी ने सभी को हैरान करते हुए सैम करन को अपने से पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा। उस समय चेन्नई को जीत के लिए 17 गेंद में 29 रन की जरूरत थी।
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प्रभावी गेंदबाजी करने के बाद करन ने सिर्फ छह गेंद में 18 रन की पारी खेलकर टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद की। करन ने मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मैं हैरान था कि मुझे बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। वह (धोनी) जीनियस है और बेशक उसने कुछ सोचकर ही ऐसा किया होगा।
बता दें कि सैम ने 17वें ओवर में एक छक्का और एक चौका जड़कर 12 ठोंक डाले। अंतिम 12 गेंदों पर चेन्नई को 16 रन की जरूरत थी।
इसके बाद बुमराह की गेंद पर सैम कुरेन ने एक और छक्का जड़कर चेन्नई को जीत के करीब पहुंचा दिया लेकिन बुमराह ने उनको पावेलियन भेज दिया लेकिन उन्होंने छह गेंदों पर 18 रन जड़कर चेन्नई को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
कुल मिलाकर धोनी जैसा कप्तान ही इस तरह का फैसला ले सकता है। भारत के लिए जब धोनी ने कप्तानी की है तब भी इसी तरह की कप्तानी करते थे।