जुबिली न्यूज़ डेस्क
भारतीय नौसेना में आईएनएस विराट ने करीब 30 साल तक जमकर अपनी सेवा दी। आज यानी 19 सितम्बर 2020 को अपनी अंतिम यात्रा पर निकला है। इसके बाद आईएनएस विराट सेवानिवृत्त (डिकमिशंड) कर दिया गया। आईएनएस विराट अपना आखिरी सफ़र मुंबई से गुजरात तक करेगा। यहां अलंग स्थित जहाज तोड़ने वाले यार्ड के लिए निकल चुका है।
आईएनएस विराट रविवार देर रात भावनगर पहुंचेगा। अपनी सेवा के दौरान इसने 10 लाख किलोमीटर यानी सात लाख मील से अधिक की दूरी को तय की है जोकि पृथ्वी के 28 चक्कर लगाने के बराबर है।
गौरतलब है कि साल 2017 में सेवानिवृत्त होने के बाद आईएनएस विराट को अलंग के श्रीराम ग्रुप ने नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में खरीदा था। जोकि अब तक मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में लंगर डाले हुए था, लेकिन अब इसे अंतिम यात्रा पर अलंग के लिए रवाना कर दिया गया है।
इस युद्धपोत को खरीदने वाले श्रीराम ग्रुप के चेयरमैन मुकेश पटेल ने कहा कि युद्धपोत में उच्च गुणवत्ता वाली स्टील का इस्तेमाल किया गया है। इसमें बुलेटप्रूफ मटेरियल भी है।
अब इन चीजों में हो सकता उपयोग
आईएनएस विराट से जो लोहा निकाला जायेगा उसका उपयोग मोटरबाइक्स बनाने के लिए किया जा सकता है। इस बात की जानकारी, नीलामी में विमान वाहक को खरीदने वाली कंपनी ने दी है। साथ ही इसे पूरी तरह तोड़कर छोटे-छोटे टुकड़ों में बदलने में करीब एक साल का वक्त लगेगा।
जाहिर है कि श्रीराम ग्रुप के पास एशिया का सबसे बड़ा स्क्रैपयार्ड है, जो गुजरात के अलंग में स्थित है। इस युद्धपोत के लोहे का उपयोग करके बाइक बनाने के लिए हमसे दो मोटरसाइकिल निर्माताओं ने संपर्क किया है, लेकिन अभी तक कुछ तय नहीं किया जा सका है।
1986 में खरीदा था भारत ने
बता दें कि आईएनएस विराट को सबसे पहले रॉयल नेवी में साल 1959 में शामिल किया गया था। जोकि ब्रिटिश युद्धपोत है। इसके बाद भारत ने इसे साल 1986 में खरीदा था। मार्च 2017 में 30 साल तक सेवाएं देने के बाद इसे डिकमिशंड (सेवानिवृत्त) कर दिया गया था। यह इकलौता लड़ाकू विमान वाहक पोत है, जिसने ब्रिटेन और भारत की नौसेना में सेवाएं दी हैं।
प्रिंस चार्ल्स ने इसी पोत पर की अपनी ट्रेनिंग
भारत से पहले ब्रिटेन की रॉयल नेवी में एचएमएस र्हिमस के रूप में विराट ने 25 साल अपनी सेवाएं दी है। ब्रिटेन की रॉयल नेवी का हिस्सा रहने के दौरान प्रिंस चार्ल्स ने इसी पोत पर नौसेना अधिकारी की अपनी ट्रेनिंग पूरी की थी। ब्रिटिश नेवी की तरफ से फॉकलैंड युद्ध में भी इस पोत ने अहम् भूमिका निभाई थी।
भारत के लिए निभाई कई अहम् भूमिका
देश के लिए भी आईएनएस विराट ने भी कई बार अहम् भूमिका निभाई है। जुलाई 1989 में श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए ऑपरेशन ज्यूपिटर में हिस्सा लिया। 2001 के संसद हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी अहम भूमिका निभाई थी।
क्या खास है विराट में
आईएनएस विराट 226 मीटर लंबा और 49 मीटर चौड़ा है। जोकि अपने आप में एक छोटे से शहर की तरह था। इस जहाज में एक पुस्तकालय, जिम, एटीएम, टीवी और वीडियो स्टूडियो, अस्पताल, दांतों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी का डिस्टिलेशन प्लांट जैसी सुविधाएं थी। इसका वजन 28,700 टन था। इस पर 150 अफसर और 1500 नाविकों की तैनाती की जा सकती थी।