Friday - 25 October 2024 - 7:07 PM

कृषि विधेयक : RSS से जुड़े इस संगठन ने भी किया विरोध

  • भारतीय किसान संघ ने कहा- नौकरशाह चला रहे मंत्रालय, नहीं पता जमीनी हकीकत

जुबिली न्यूज डेस्क

लोकसभा में कृषि सुधार से जुड़े तीन विधेयकों के पेश होने के बाद से संसद से लेकर सड़क तक संग्राम मचा हुआ है। देशभर के किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसानों को विपक्षी दलों का भी साथ मिल रहा है।

मोदी सरकार में मंत्री रही हरसिमतर कौर के इस्तीफे के बाद से माहौल और गरम हो गया है। उनके बगावत के बाद खुद प्रधानमंत्री मोदी को इस बिल की खूबी बताने के लिए आगे आना पड़ा।

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हालांकि सरकार कोरोना काल के दौरान ही इस विधेयक को कानून बनवाना चाहती है। एनडीए के कुछ साथियों के नाराज होने के बावजूद भी बीजेपी तीनों विधेयकों के पीछे अपनी ताकत झोंक दी है। हालांकि, इसमें आरएसएस से जुड़े किसान संगठन- भारतीय किसान संघ (BKS) ही केंद्र के खिलाफ खड़ा हो गया है।

BKS के महासचिव बद्री नारायण चौधरी ने कहा है कि यह विधेयक उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है और इससे किसानों का जीवन और मुश्किल होने वाला है।

चौधरी ने एक न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारतीय किसान संघ किसी सुधार के विरोध में नहीं है। पर इन विधेयकों पर किसानों की असल चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि अब जिसके पास भी पैन कार्ड है, वही व्यापारी बन कर सीधा किसान से डील कर सकता है। सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए, जिससे यह तय हो सके कि जब उसका उत्पाद खरीदा जाएगा, उसी वक्त उसे पेमेंट हो जाएगा या फिर सरकार उसके पेमेंट की गारंटर बनेगी।

चौधरी ने कहा कि देश के 80 फीसदी किसान छोटे या मध्यम वर्ग के हैं। इसलिए एक भारत-एक बाजार का नारा उनके लिए काम नहीं करता। यह या तो बड़े उद्योगों या बड़े किसानों के लिए ही काम करता है।

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उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए सरकार पिछले दो बजट से 22 हजार नई मंडियों की बात कर रही है, आखिर वे कहां हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कृषि और खाद्य मंत्रालयों को नौकरशाह चला रहे हैं, जिन्हें जमीनी हकीकत का कोई अंदाजा नहीं है।

बीकेएस के महासचिव ने कहा कि मौजूदा फॉर्मेट में यह विधेयक किसानों की मदद नहीं करेगा। देशभर के 50 हजार किसान पीएम को चि_ी लिखकर कह चुके हैं कि वे इस कानून को मौजूदा रूप में नहीं चाहते। किसान संघ की कुछ इकाइयों ने ग्राम स्तर पर इसके खिलाफ प्रस्ताव भी पास किए हैं। हमने आरएसएस से जुड़े अन्य संगठनों और भाजपा के बड़े नेताओं से भी इस बारे में बात की है।

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