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कंगना को इशारों में शिवसेना की नसीहत, कहा-पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर…

जुबिली न्यूज डेस्क

अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना के बीच तकरार जारी है। कोई भी झुकने को तैयार नहीं है। शिवसेना कंगना के पीओके वाले बयान पर लगातार निशाना साध रही है। एक बार फिर शिवसेना ने मुबंई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से करने पर शिवसेना ने निशाना साधा है।

इस बार शिवसेना ने बाला साहेब ठाकरे से लेकर महाभारत का जिक्र कर कंगना रनौत को इशारों-इशारों में हमला बोला है। अपने मुख पत्र सामना में कई दिग्गज कलाकारों का नाम लेकर शिवसेना ने लिखा है कि ऐसे लोगों ने मुंबई को अपने अभिनय और काम से संवारने का काम किया न कि पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर किया या खुद कांच के घर में रहकर दूसरों के घर पर पत्थर फेंका।

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सामना में लिखा है कि मुंबई पाक अधिकृत कश्मीर है कि नहीं, यह विवाद जिसने पैदा किया, उसी को मुबारक। आगे यह भी लिखा गया है कि बालासाहेब ठाकरे ने दूसरे हाथ में स्वाभिमान की चिंगारी रखी। अगर किसी को ऐसा लग रहा होगा कि उस चिंगारी पर राख जम गई है तो वह एक बार फूंक मार कर देख ले।

शिवसेना ने लिखा है कि ‘मुंबई पाक अधिकृत कश्मीर है कि नहीं, यह विवाद जिसने पैदा किया, उसी को मुबारक। मुंबई के हिस्से में अक्सर यह विवाद आता रहता है। लेकिन इन विवाद माफियाओं की फिक्र न करते हुए मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित है। सवाल सिर्फ इतना है कि कौरव जब दरबार में द्रौपदी का चीरहरण कर रहे थे, उस समय सारे पांडव अपना सिर झुकाए बैठे थे। उसी तरह का दृश्य इस बार तब देखने को मिला जब मुंबई का वस्त्रहरण हो रहा था।’

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बालासाहेब ठाकरे का जिक्र करते हुए शिवसेना ने कहा है कि वह हमेशा घोषित तौर पर कहते थे कि देश एक है और अखंड है। राष्ट्रीय एकता तो है ही लेकिन राष्ट्रीय एकता का ये तुनतुना हमेशा मुंबई-महाराष्ट्र के बारे में ही क्यों बजाया जाता है? राष्ट्रीय एकता की ये बात अन्य राज्यों के बारे में क्यों लागू नहीं होती? महाराष्ट्र में ही राष्ट्र है और महाराष्ट्र मरा तो राष्ट्र मरेगा। ऐसा हमारे सेनापति बापट ने कहा है। लेकिन विवाद खड़ा किया जाता है सिर्फ मुंबई को लेकर। इसमें एक प्रकार का राजनीतिक पेटदर्द है ही। मुंबई महाराष्ट्र की है और रहेगी। संविधान के जनक डॉ. आंबेडकर ने डंके की चोट पर ऐसा कहा है।

शिवसेना ने कहा कि मुंबई को कम आंकना मतलब खुद-ही-खुद के लिए गड्ढा खोदने जैसा है। महाराष्ट्र संतों-महात्माओं और क्रांतिकारों की भूमि है। औरंगजेब की कब्र संभाजीनगर में और प्रतापगढ़ में अफजल खान की कब्र सम्मानपूर्वक बनाने वाला यह विशाल हृदय वाला महाराष्ट्र है। इस विशाल हृदयवाले महाराष्ट्र के हाथ में छत्रपति शिवाजी महाराज ने भवानी तलवार दी।\

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