जुबिली स्पेशल डेस्क
लोगों को स्वस्थ रखने में फिजियोथेरेपिस्टों की भूमिका अहम होती है। विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर लोगों को जागरुकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। फिजियोथेरेपी के बदौलत लोगों को फिट रहने में मदद मिलती है। विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर मेडिकल के क्षेत्र में उनके योगदान को सराहा जाता है। फिजियोथेरेपी या शारीरिक थेरेपी का नाम व्यायाम में दक्षता हासिल करना है।
इसके माध्यम से दर्द, जख्म, विकार या किसी अन्य समस्या का मुकाबला किया जा सकता है। इस अवसर लखनऊ में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए। इसके सहारे में फिजियोथेरेपी के महत्व से प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जानकारी दी जा रही है। केजीएमयू में ऑर्थोटिक मैनेजमेंट ऑफ स्पोट्र्स रिलेटेड इंजुरी पर व्याख्यान पर कई चर्चा की। इस अवसर पर डॉ विवेक ने कहा कि मौजूदा समय में व्यायाम और फिजियोथेरेपी में अंतर है।
उन्होंने कहा कि जो भी लोग व्यायाम करते हैं फिजियोथेरेपी की लगातार निगरानी की जरूरत होती है। लचकदार और मजबूत बनाने में फिजियोथेरेपी मददगार साबित हो सकता है। व्यायाम के बताए सुझाव पर अमल कर सक्रिय और गतिशील रहा जा सकता है।
फिजियोथेरेपी दिवस के इतिहास पर एक नजर
फिजियोथेरेपी दिवस साल 1996 में 8 सितंबर को नामित किया गया था। इस मौके पर चिकित्सा समुदाय की एकता और एकजुटता का प्रदर्शन किया जाता है. हर साल आयोजित होनेवाला कार्यक्रम की थीम अलग-अलग होती है।
- फिजियोथेरेपी के कुछ फायदे
- ये आपको चोट से बचने में मददगार साबित होता है
- सदमा या घाव से उबरे में मदद करता है
- स्ट्रोक और पायरालिसिस से ठीक करने में मददगार है
- आयु संबंधी मेडिकल समस्या होने पर बेहतर प्रबंधन में फायदेमंद है