जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार की सियासत में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में लोक जनशक्ति पार्टी हैं। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के आगामी कदम पर सबकी निगाहे बनी हुई हैं। पिछले कुछ दिनों से चिराग के तेवर गरम हैं और व नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
चिराग पासवान के प्रतिक्रिया को देखते हुए एनडीए में टूट का खतरा बढ़ गया है। ऐसी भी चर्चा है कि गठबंधन में सहयोगी एलजेपी ने आगामी चुनाव में 143 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट बनाने का फैसला लिया है। लोजपा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी या उनके खिलाफ इसपर आखिरी फैसला लेने के लिए पार्टी ने चिराग पासवान को अधिकृत किया है।
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चिराग पासवान ने सात सितंबर को दिल्ली में पार्टी के बिहार से संसदीय बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें ये फैसले लिए गए। एलजेपी के कुछ नेताओं न बैठक में दावा किया कि नीतीश कुमार अब लोकप्रिय नेता नहीं रह गए हैं और राज्य सरकार नौकरशाहों पर आवश्यकता से अधिक निर्भर हैं।
एलजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी मीटिंग से पहले भाजपा के वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता का फोन आया, जहां दोनों पार्टियों के बीच सप्ताह के आखिर में मीटिंग को लेकर बात हुई है। इधर बिहार में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम चाहेंगे एलजेपी गठबंधन में चुनाव लड़े। उन्होंने कहा कि एलजेपी उम्मीदवारों के जेडीयू उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लडऩे से गठबंधन को ही नुकसान होगा।
जेडीयू और लोजपा के तकरार ‘हम’ के अध्यक्ष जीतनराम मांझी के एनडीए में शामिल होने के बाद और बढ़ गई है। मांझी के शामिल होने के बाद लोजपा ने जो प्रतिक्रिया दी उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे है कि लोजपा जेडीयू प्रत्याशियों के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारेगी।
मांझी के एनडीए में शामिल होने के बाद से लगातार लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान के तेवर गरम है। हालांकि चिराग नीतीश कुमार के खिलाफ पहले से हमलावर रहे हैं। वह नीतीश सरकार के कामकाज पर सवाल उठाकर उनकी मुश्किलें बढ़ाने का काम पिछले कई महीने से कर रहे हैं।
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हालांकि जेडीयू पर लगातार हमले के बीच एलजेपी भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करती रही है और राष्ट्रीय पार्टी के साथ अपना गठबंधन बनाए रखना चाहती है। चिराग पासवान के पिता नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी हैं।
इधर दिल्ली में बैठक के बाद बिहार में विधायक और पार्टी के राज्य संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष राजू तिवारी ने एक नोट जारी किया। इसमें दो प्रमुख बातें कही गईं, जिसमें पार्टी द्वारा 143 उम्मीदवार तय करने करना और उस लिस्ट को संसदीय बोर्ड को भेजना।
तिवारी ने कहा कि गठबंधन के संबंध में निर्णय लेने के लिए चिराग पासवान को शक्तियां देने का प्रस्ताव पास किया गया। वो तय करें कि गठबंधन में रहना है या नहीं, जैसे जेडीयू के साथ या अन्य एनडीए घटक दलों के साथ चुनाव लडऩा है।
वहीं जेडीयू ने कहा कि राज्य में जो भो पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है उसे नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार करना होगा। जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि गृह मंत्री शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा।