जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2022 में चुनाव होना है लेकिन सूबे की राजनीति में अभी से हलचल देखने को मिल रही है। आलम तो यह है कि बीजेपी को रोकनेेे लिए सपा-बसपा अपने नये प्लान में काम कर रहे हैं।
हालांकि यूपी में विपक्ष एक जुट नहीं है। सपा-बसपा की राह अलग हो चुकी है जबकि कांग्रेस एक बार फिर यूपी में दोबारा जिंदा होती हुई जरूर दिख रही है।
हाल के दिनों में कांग्रेस ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इस वजह से योगी के लिए सपा-बसपा के साथ-साथ कांग्रेस भी कड़ी चुनौती दे रही है। कांग्रेस चुनाव को देखते हुए अपने संगठन को मजबूत करने में लगी हुई है।
इसके लिए पार्टी नेतृत्व ने संगठन की मजबूती के साथ विधानसभा चुनाव से जुड़ी सात समितियों का भी गठन कर दिया है। अब उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने पार्टी को मजबूत करने के लिए संगठन का विस्तार किया है। संगठन विस्तार में 2 उपाध्यक्ष, 6 महासचिव और 22 सचिव और दो संगठन सचिव बनाये गए है। संगठन विस्तार में विधायक सोहेल अख्तर अंसारी और योगेश दीक्षित को प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी है।
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संगठन विस्तार में 6 नए महासचिव विवेकानंद पाठक, मकसूद खान, अंकित परिहार, विदित चौधरी, ब्रह्मस्वरूप सागर, प्रकाश प्रधान चौधरी को बनाया गया है। नए सचिवों में हनुमंत विश्वकर्मा, मनोज तिवारी, त्रिभुवन नारायण मिश्रा, इमरान खान, कौशल त्रिपाठी, देवेन्द्र श्रीवास्तव, मणिन्द्र मिश्रा, उज्जवल शुक्ल,राहुल राजभर, सैफ अली नकवी, अंशु तिवारी, सुनील विश्नोई, अवनीश कजला, मोहम्मद शोएब, असलम चौधरी, जीतेन्द्र कश्यप, योगेश तालान , कौशलेन्द्र यादव, विकास अवस्थी, गौतम सचान, अखिलेश शुक्ला, पुष्पेन्द्र सिंह, को नियुक्त किया है। दो संगठन सचिव संजीव शर्मा और अनिल कुमार यादव को सौंपी गई जिम्मेदारी।
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बता दें कि सोमवार को कांग्रेस की कोर कमेटी से राज बब्बर और जितिन प्रसाद क्यों किए गए बाहर कर दिया गया था इन समितियों के गठन के साथ ही पार्टी की अंदरूनी खींचतान भी सतह पर आती दिखाई दे रही है। इन समितियों में सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को जगह नहीं दी गई है। इसमें पूर्व सांसद जितिन प्रसाद और यूपी कांग्रेस कमिटी के पूर्व अध्यक्ष राज बब्बर को शामिल नहीं किया गया है।