जुबिली न्यूज डेस्क
कांग्रेस की अंतर्कलह का ही नतीजा है कि भाजपा की पैठ हर वर्ग में बढ़ती जा रही है। कांग्रेस अपनी अंदरूनी मामले सुलझा नहीं पा रही है और भाजपा इसका फायदा उठा रही है।
पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस में घमासान छिड़ा हुआ है। पार्टी के कई वरिष्ठï नेता नाराज हैं। हाल ही में गुलाम नबीं आजा, कपिल सिब्बल समेत 23 नेताओं ने कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर पार्टी के हाईकमान सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी और संगठन चुनाव की मांग की थी।
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चिट् ठी लिखने वाले नेताओं ने तो यहां तक कहा है कि अगर कांग्रेस में चुनाव नहीं हुआ तो पार्टी 50 वर्षों तक विपक्ष में ही बैठी रह सकती है। ये वरिष्ठ नेता कांग्रेस को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं।
फिलहाल बीजेपी अब इन नेताओं की नाराजगी का फायदा उठाने की फिराक में है खासकर गुलाम नबी आजाद की। जी हां, भाजपा
गुलाम नबी आजाद की नाराजगी का फायदा कश्मीर में उठाने की कोशिश कर रही है।
जानकारों की माने तो कांग्रेस का अंदरूनी घटनाक्रम भी कश्मीर की राजनीति को प्रभावित कर सकता है। राज्य कांग्रेस के बड़े नेता गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस नेतृत्व को लेकर तीखे तेवर नए राजनीतिक समीकरण की तरफ बढ़ सकते हैं। बीजेपी इस मौके का लाभ उठा सकती है।
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हालांकि बीजेपी ने अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है, लेकिन वह कांग्रेस के इन अंदरूनी मतभेदों को राज्य में अपने पक्ष में बनाने की कोशिश करेगी। बीजेपी की नजर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं पर है, जिन्हें वह अपने साथ लाकर राज्य में नई राजनीतिक गतिविधियों को शुरू करना चाहती है।
सूत्रों के अनुसार जल्दी ही जम्मू-कश्मीर के नए उप राज्यपाल मनोज सिन्हा अपने सलाहकार परिषद का गठन करेंगे। इसके बाद राजनीतिक गतिविधियों और भविष्य की तैयारियों का काम शुरू कर दिया जाएगा। हाल ही में भाजपा महासचिव राम माधव ने भी राज्य का दौरा कर वहां के हालात का जायजा लिया है।