प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. मुम्बई में मोहर्रम के जुलूस की इजाज़त मिल गई है, लेकिन लखनऊ में मोहर्रम के जुलूस को लेकर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई और लखनऊ खंडपीठ में भी बहस हुई. लखनऊ खंडपीठ ने पुलिस कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट को कल शाम तक फैसला लेने को कहा है. अदालत ने दोनों अधिकारियों से जुलूस के मुद्दे पर स्पष्ट कारण बताने को भी कहा है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. यह फैसला पहले आज शाम सुनाने का फैसला लिया गया था लेकिन अब अदालत कल अपना फैसला सुनाएगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने शबीह फातिमा रिजवी की याचिका पर मोहर्रम के जुलूस को लेकर सुनवाई की. एडवोकेट शकील अहमद और जुबैर हसन की दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट से 29 अगस्त की शाम तक इस मुद्दे पर स्पष्ट फैसला लेने का आदेश दिया. अदालत ने कहा है कि दोनों अधिकारी स्पष्ट कारण बताते हुए फैसला लें. अदालत ने दोनों अधिकारियों से वरीयता के आधार पर इस मुद्दे पर फैसला करने को कहा है.
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दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी इस मामले पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले मौलाना कल्बे जवाद से सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा था. इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस शमीम अहमद की खंडपीठ ने जीशान अहमद की याचिका पर एडवोकेट मसूद अब्बास और सैय्यद काशिफ अब्बास की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया. अदालत कल अपना फैसला सुनाएगी. मुम्बई में आल इण्डिया तहफ्फुज़-ए-हुसैनियत की तरफ से दाखिल याचिका पर कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार जुलूस निकालने की इजाज़त मिल गई है.