जुबिली न्यूज डेस्क
देश में NEET-JEE परीक्षा को लेकर राजनीति गरम हो गई है। नीट-जेईई परीक्षा को लेकर विपक्ष लामबंद हो गया है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने परीक्षा कराए जाने का विरोध किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में सरकार को एक खुला पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि जान के बदले एग्जाम नहीं चलेगा। इतना ही नहीं उन्होंने पत्र में लिखा है कि भाजपा दंभ के कारण यह जानलेवा एग्जान करवा रही है।
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अखिलेश ने पत्र में लिखा कि अगर बीजेपी दंभ के कारण परीक्षा करा ही रही है तो वह परीक्षा केंद्रों के बाहर अपने कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को तैनात करें, जहां नियम कानून का पालन नहीं होगा।
बीजेपी सरकार पर विधायकों की खरीद फरोख्त करने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है, ‘सरकार विद्यार्थियों के आने-जाने, खाने-पीने और ठहरने का प्रबंध करे जैसे विधायकों की खरीद-फरोख्त के समय करते हैं।’ बीजेपी की यह बात तर्कहीन और हास्यास्पद है कि जब लोग दूसरे कामों के लिए बाहर निकल सकते हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते?
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गरीब छात्र कैसे पहुंचेंगे परीक्षा केंद्रों तक
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पत्र में गरीब छात्रों की समस्याओं की ओर भी ध्यान दिलाया है। उन्होंने लिखा है, बीजेपी सत्ता के मद में भूल गई है कि लोग मजबूरी में घर के बाहर निकल रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बस और ट्रेनें बाधित हैं तो बच्चे दूर-दूर से परीक्षा देने कैसे आएंगे। हर कोई टैक्सी का खर्चा नहीं उठा सकता है। कोरोना काल में संसाधन सीमित हैं। कोरोना और बाढ़ ने कई गरीब ग्रामीणों समेत माता-पिता को रोजगार छीन लिया है। वे पैसा कहां से लाएंगे?
प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है भाजपा
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पत्र में लिखा है कि भाजपा समझ चुकी है कि बेरोजगारी से जूझ रहा युवा और कोरोना, बाढ़ और अर्थव्यवस्था की बदइंतजामी से त्रस्त गरीब और मध्यम वर्ग अब उन्हें वोट नहीं देगा इसलिए भाजपा प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है। भाजपा को सिर्फ वोट देने वालों से मतलब है। नकारात्मक और हठधर्मी बदले की राजनीति करने वाली भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के खिलाफ देश में एक नई युवा क्रांति जन्म ले रही है।