Monday - 28 October 2024 - 5:14 PM

संसदीय कमेटियों को लोकसभा स्पीकर ने हड़काया, कहा-जो मामले राष्ट्रीय सुरक्षा…

जुबिली न्यूज डेस्क

संसदीय कार्य समितियों की बैठकों से जुड़ी प्रक्रियाओं को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच मचे घमासान के बीच लोकसभा स्पीकर ने संसदीय कमेटियों को हड़काया है।

लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन की समितियों से कहा है कि वे अदालत में लंबित और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा न करें और उनकी कार्यवाही को लेकर गोपनीयता सुनिश्चित करें।

ये भी पढ़े:  आमिर खान पर आरएसएस ने क्या आरोप लगाया?

ये भी पढ़े:  थरूर के डिनर पार्टी में सोनिया को पत्र लिखने के लिए बनी थी भूमिका

ये भी पढ़े: कांग्रेस : लैटर बम फोड़ने वाले नेता क्या अब चुप बैठ जाएंगे?

ये भी पढ़े: सरकार के जॉब पोर्टल पर कितने लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन और कितनों को मिली नौकरी

मंगलवार को स्पीकर ओम बिड़ला ने अपने लिखे पत्र में कमेटियों के अध्यक्षों को ‘स्पीकर के निर्देश’ के निर्देश-55 की याद दिलाई। पत्र में कहा गया है कि किसी भी समिति की कार्यवाही को गोपनीयता के साथ चलाया जाएगा और समिति के किसी भी सदस्य को यह अनुमति नहीं होगी कि वह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समिति की कार्यवाही से जुड़ी कोई भी जानकारी प्रेस को दे दे। न ही वह समिति की किसी रिपोर्ट या फैसले की जानकारी सदन में पेश होने से पहले प्रेस को दे सकता है।

बिड़ला ने कहा कि समितियों को लोकसभा के ‘रूल्स ऑफ प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस’ के नियम 270 पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कहा गया है कि समिति के पास किसी भी व्यक्ति, दस्तावेज और रिकॉर्ड को तलब करने की ताकत होगी। हालांकि, सूबत के तौर पर अगर किसी व्यक्ति को या दस्तावेज को लाने पर सवाल उठता है, तो यह सवाल स्पीकर के सामने उठाया जाना चाहिए, जिसका फैसला अंतिम होगा।

अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि नियम 270 के तहत सरकार यह कह कर किसी दस्तावेज को सामने लाने से इनकार भी कर सकती है कि उसकी गोपनीयता का खुलासा करने से राष्ट्र की सुरक्षा और उसके हितों को नुकसान पहुंच सकता है।

स्पीकर बिड़ला ने यह भी कहा कि पारंपरिक तौर पर कमेटी को उन मामलों पर बैठक नहीं करनी है, जो कोर्ट में लंबित हैं।

लोकसभा स्पीकर का ये पत्र ऐसे समय में आया है जब हाल ही में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उन्हें पत्र लिखकर सूचना एवं प्रौद्योगिकी मामलों को देखने वाली स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की थी।

सांसद दुबे का आरोप था कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी मामलों को देखने वाली स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद शशि थरूर नियमों का उल्लंघन कर रहे थे।

ये भी पढ़े: …तो बंद होगी ऑनलाइन क्लास, हाईकोर्ट करेगा सुनवाई

ये भी पढ़े: क्या सुशांत केस से ‘साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी’ होगी कारगर

दरअसल बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे इस बात से नाराज थे कि थरूर ने फेसबुक को तलब करने के फैला बिना कमेटी से चर्चा के ही कर लिया।

कुछ दिन पहले ही अमेरिकी अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’  में फेसबुक और भारतीय जनता पार्टी के गठजोड़ को लेकर एक रिपोर्ट छपी थी।

बताया जाता है कि शशि थरूर की ओर से इस बारे में जानकारी मिलने के बाद स्पीकर ने उन्हें फेसबुक को समन करने की अनुमति दे दी थी। इसी के मद्देनजर 2 सितंबर की दोपहर को स्टैंडिंग कमेटी फेसबुक के प्रतिनिधि को सुनेगी। इसमें नागरिकों के अधिकारों की रक्षा से लेकर सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल को रोकने के विषय पर सवाल होने की संभावना है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com