जुबिली स्पेशल डेस्क
भारतीय क्रिकेट के सबसे कामयाब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त को बड़ा फैसला लेते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। माही के इस फैसले पर हर कोई हैरान है। हालांकि धोनी के संन्यास के अटकले पिछले कई महीनों से चल रही थी। दरअसल धोनी ने पिछले साल विश्व कप के बाद से कोई मुकाबला नहीं खेला था। ऐसे में तब कहा जा रहा था कि धोनी ने अपना अंतिम मुकाबला खेल लिया है।
धोनी ने उस समय अपने संन्यास को लेकर कोई जवाब नहीं दिया था और चुप्पी साध रखी थी लेकिन बीसीसीआई ने शायद बहुत पहले उनको आगे नहीं खेलाना का फैसला कर लिया था। इसके पीछे का बड़ कारण यह था कि बीसीसीआई ने धोनी को 2019-2020 पुरुष क्रिकेटर्स के कॉन्ट्रेक्ट की लिस्ट से बाहर कर दिया था।
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बीसीसीआई के इस कदम से धोनी को बहुत बड़ा झटका लगा था। धोनी ने शायद इस बारे में नहीं सोचा था कि उन्हें कॉन्ट्रेक्ट से बाहर कर दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो माही को जब यह खबर लगी कि उनके करार को बीसीसीआई ने आगे नहीं बढ़ाया है तो उन्होंने रांची में धोनी ने अपने दोस्तों से पूछा था कि आखिर क्यों उन्होंने मुझे सूची से बाहर किया। क्या मैं फिट नहीं हूं। वह जानते थे कि विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने उनके बिना रहने के नए रास्ते खोज लिए थे।
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ऐसे में संन्यास का दबाव उनपर लगातार बढ़ रहा था। कहा तो यह भी जा रहा है कि उन्हें अपने संन्यास के बारे में दो साल पहले ही सोच लेना चाहिए था। हालांकि बीसीसीआई भले ही माही के लिए अब विदायी मैच कराने की बात कर रहा हो लेकिन उसने पहले इसको लेकर कोई पहल नहीं की थी।