जुबिली न्यूज डेस्क
पूरी दुनिया को कोरोना वैक्सीन का इंतजार है। कोरोना वैक्सीन को लेकर दुनिया के कई देशों में काम चल रहा है और कई जगह टीका अंतिम चरण में पहुंच गया है। वैज्ञानिक उम्मीद जता रहे हैं कि साल के अंत तक आम लोगों के लिए टीका उपलब्ध हो जायेगा।
भारत में भी कोरोना टीके का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बीते दिनों मीडिया में दावा किया गया है कि सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया की तरफ से बनाई जा रही ‘ ‘COVISHIELD” वैक्सीन 73 दिनों में आ जाएगी, पर अब खुद सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया ने इस दावे पर अपनी सफाई दी है।
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सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 73 दिनों में कोरोना वायरस की वैक्सीन उपलब्ध कराए जाने की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।
बयान जारी कर सीरम ने कहा है कि मीडिया में 73 दिनों के भीतर कोविड 19 की वैक्सीन मिलने की बात बिल्कुल फर्जी है और इन अटकलों का कोई मतलब नहीं है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ट्वीट करके जानकारी दी है, ” इंस्टीट्यूट स्पष्ट करता है कि मीडिया में ‘कोविशील्ड’ की उपलब्धता पर वर्तमान दावे गलत हैं। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए फेज -3 के ट्रायल चल रहे हैं। सरकार ने अभी हमें केवल वैक्सीन का निर्माण करने और भविष्य में उपयोग के लिए भंडार करने की अनुमति दी है।”
We would like to clarify that the current media claim on COVISHIELD’s availability in 73 days is misleading.
Phase-3 trials are still underway. We will officially confirm it’s availability.
Read clarification statement here – https://t.co/FvgClzcnHr#SII #COVID19 #LatestNews pic.twitter.com/mQWrqgbzO4
— SerumInstituteIndia (@SerumInstIndia) August 23, 2020
मालूम हो कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल अब भी चल रहा है। इससे पहले बिजनेस टुडे ने यह रिपोर्ट चलाई थी कि उससे एसआईआई ने 73 दिनों में वैक्सीन आने की बात कही है।
सीरम इंस्टीट्यूट को उम्मीद है कि वह इस साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली जाएगी। सीरम इंस्टीट्यूट एस्ट्रजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम कर रही है, जिसका तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण चल रहा है। इसका भारत में सितंबर में मानव परीक्षण शुरू होने की उम्मीद है।
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वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत को कोरोना संक्रमण की रोकथाम वाला टीका इस साल के आखिर तक मिल जाएगा। भारत में कोरोना के तीन टीके विकास के विभिन्न स्तर पर हैं, जिनमें से दो टीके स्वदेश निर्मित हैं।
दो स्वदेशी टीकों के मानवीय क्लीनिकल परीक्षण का पहला चरण पूरा हो गया है और परीक्षण दूसरे चरण में पहुंच चुका है। इनमें से एक टीके को भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया है और दूसरा टीका जाइडस कैडिला लिमिटेड ने तैयार किया है।