Saturday - 3 August 2024 - 11:35 PM

सरकारी नौकरियों को लेकर शिवराज का बड़ा ऐलान, कहा- एमपी के युवाओं…

जुबिली न्यूज डेस्क

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने एक वीडियो संदेश में सूबे में नौकरियों को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकारी नौकरियां अब केवल राज्य के बच्चों को ही दी जाएंगी और इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं।

मंगलवार को अपने संदेश में सीएम चौहान ने कहा कि ‘आज मध्य प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब केवल राज्य के बच्चों को ही दी जाएगी। इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं। मध्य प्रदेश का संसाधन राज्य के बच्चों के लिए हैं।’

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मामा के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपे ट्वीट में लिखा-‘मेरे प्यारे भांजे-भांजियों। आज से मध्य प्रदेश के संसाधनों पर पहला अधिकार मध्य प्रदेश के बच्चों का होगा। सभी शासकीय नौकरियां सिर्फ मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए ही आरक्षित रहेंगी। हमारा लक्ष्य प्रदेश की प्रतिभाओं को प्रदेश के उत्थान में सम्मिलित करना है।’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मध्य प्रदेश के युवाओं का भविष्य ‘बेरोजगारी भत्ते’ की बैसाखी पर टिका रहे, यह हमारा लक्ष्य ना कभी था और ना ही है। जो यहां का मूल निवासी है वही शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे यही मेरा सपना है। मेरे बच्चों, खूब पढ़ो और फिर सरकार में शामिल होकर प्रदेश का भविष्य गढ़ो।’

शिवराज से पहले जब एमपी में कांग्रेस सत्ता में थी तो कमलनाथ ने कहा था कि निजी क्षेत्रों में कुल रोजगार का 70 प्रतिशत मध्य प्रदेश के स्थायी निवासियों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान किया जा रहा है।

शिवराज के इस फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नौकरियां तो सभी के लिए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में सिर्फ राज्य के लोगों के लिए ही।

इससे पहले मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था कि सरकारी भर्तियों के लिए अभियान चलाया जाएगा, साथ ही निजी क्षेत्रों में भी अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। विद्यार्थियों को 10 वीं एवं 12 वीं की अंकसूची के आधार पर नियोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि प्रवासी मजदूरों को उनके निवास स्थान के करीप रोजगार मुहैया करने के उद्देश्य से घर-घर जा कर सर्वेक्षण कर 14 लाख से अधिक श्रमिकों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं।

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