Friday - 25 October 2024 - 8:42 PM

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता का दावा, कहा- सोनिया गांधी को पत्र…

जुबिली न्यूज डेस्क

कुछ दिनों पहले कांग्रेस से निलंबित किए पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने एक सनसनीखेज दावा किया है। झा ने कहा है कि लगभग 100 कांग्रेस नेता (सांसद सहित) पार्टी के आंतरिक मामलों से व्यथित हैं।

कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने दावा किया है कि करीब 100 कांग्रेसी नेता पार्टी के आंतरिक हालात से नाखुश हैं और उन्होंने इस बाबत कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को एक पत्र भी लिखा है।

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झा ने सोमवार को एक ट्वीट कर ऐसा दावा किया है। उन्होंने ट्वीट में कहा कि अनुमान है कि सांसदों सहित करीब 100 कांग्रेसी नेता पार्टी की आंतरिक स्थिति से नाखुश हैं। इस बाबत उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र भी लिखा है। इसमें राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव और सीडब्ल्यूसी में पारदर्शी चुनाव की मांग की गई है।

कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में इस बात की घोषणा की थी कि पूर्णकालिक अध्यक्ष के चुनाव तक सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी।

उद्योगपति से नेता बने संजय झा को कांग्रेस विरोधी पार्टी गतिविधियों के लिए पार्टी से निलंबित किया गया था। हाल ही में संजय झा ने कहा था कि वह पार्टी की विचारधारा के प्रति वफादार हैं, लेकिन उनकी ‘वफादारी किसी व्यक्ति या परिवार के प्रति नहीं है।

झा ने कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट संबंधी मामले से निपटने के तरीके को लेकर भी कांग्रेस की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि वह गांधीवाद-नेहरूवाद विचारधारा में यकीन रखने वाले व्यक्ति हैं और यह विचारधारा अब कांग्रेस से लुप्त हो रही है।

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उन्होंने यह भी कहा था कि वह पार्टी के पुनरुत्थान के लिए आवश्यक मामलों को उठाना जारी रखेंगे और यह लड़ाई अभी शुरू ही हुई है।

संजय झा पूर्व में कांग्रेस पर निशाना साधते रहे हैं। हाल के दिनों में उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस ने अपना रास्ता ना बदला तो पार्टी तबाह हो जाएगी। एक लेख में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में विपरीत विचारों के लिए असहिष्णुता है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस भाजपा पर तो ‘अवैध लोकतंत्र’  का लांछन लगाती है मगर खुद अपने भीतर राजशाही संस्कृति को बढ़ावा देती है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के पतन के पांच कारण भी बताए।

अपने लेख में उन्होंने पार्टी के नेतृत्व पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले बीस साल में कांग्रेस ने सिर्फ दो अध्यक्ष दिए। 1997 के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी के चुनाव ही नहीं हुए। 2019 के बाद से पार्टी के स्थाई अध्यक्ष तक नहीं है।

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