जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2022 में विधान सभा चुनाव होना है। इसको लेकर राजनीतिक दल अभी से तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। ऐसे में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस लगातार यूपी में सक्रिय नजर आ रही है लेकिन सपा और बसपा भी यूपी में अपनी खोई हुई जमीन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
बात अगर सपा की जाये तो अखिलेश यादव एक बार फिर यूपी में अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए संगठन में कई तरह के बदलाव भी कर चुके हैं। मुलायम अपनी सेहत की वजह से पार्टी में अब पहले जैसे सक्रिय नहीं है। ऐसे में अखिलेश यादव के ऊपर पार्टी की पूरी जिम्मेदारी है।
अखिलेश अकेले चुनाव लडऩे की बात कर चुके हैं जबकि सपा से अलग हो चुके शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा भी यूपी में अपनी पहचान बनाने के लिए जोर लगा रही है। हालांकि कहा जा रहा है कि चुनाव से पहले अखिलेश-शिवपाल एक हो सकते हैं। दरअसल शिवपाल अभी भी सपा से विधायक है।
शिवपाल यादव ने कल एक बयान दिया है और इस बयान की चर्चा अभी से शुरू हो गई है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को कहा कि वह चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर एक हो जाएं और इसके लिए वह त्याग करने को भी तैयार हैं। शिवपाल ने इटावा में संवाददाताओं से कहा, कि देखिये हम चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर से एक हो जाएं। इसके लिए हमने तो पूरा त्याग करने के लिए कह ही दिया है।
I want all Samajwadi leaders to unite again, for this I have already said that I am willing to sacrifice everything. Based on the decision of people we will fight the 2022 elections: Shivpal Yadav, President of Pragatisheel Samajwadi Party (Lohia) pic.twitter.com/vx5SaLftAb
— ANI UP (@ANINewsUP) August 16, 2020
उधर शिवपाल यादव के बयान के बाद एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि शिवपाल और अखिलेश एक हो सकते हैं। हालांकि अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव के प्रस्ताव पर चुप्पी साध रखी है। उधर लखनऊ से सैफई जा रहे पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ठठिया कट पर रूककर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की है। इस दौरान शिवपाल के प्रस्ताव को लेकर मीडिया ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने इसपर कोई ठोस जवाब नहीं दिया और टाल दिया है।
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सात साल की बच्ची को तालाब में डूबने से बचाने वाले 14 साल के कृष्णा को अखिलेश यादव ने 21 हजार का चेक दिया। उन्होंने कृष्णा के सहास का उत्साहवर्धन भी किया। उनके साथ उनकी पूर्व सांसद पत्नी डिंपल भी मौजूद थीं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भगवान राम को सभी का बताते हुए भाजपा पर करारा हमला बोला है।
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भगवान परशुराम की मूर्ति पर राजनीति होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु हमारे, भगवान राम हमारे, भगवान कृष्ण हमारे। कहा, विष्णु के सभी अवतार हम सभी के हैं, इसमें भाजपा को परेशानी क्या है? हम तो नवरात्र में देवियों की पूजा करते हैं, क्या ये देवियां भी भाजपा की हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और भगवान राम के नाम पर सिर्फ राजनीति की जा रही है। अखिलेश ने बिगड़ी कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल उठाते हुवे कहा कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नही है कई घटनाएं लगातार सामने आ रही जो दर्दनाक घटनाएं है।
वही अखिलेश ने पूर्व में रही अपनी सरकार के कामो और योजनाओं को को गिनाते हुए सरकार को घेरा और ये भी कहा कि किसतरह भाजपा सरकार के विधायक परेशान है और अस्पतालों में दवाइयों की कमी है जो जनता से छिपी नही है। चाचा शिवपाल यादव पर पूछे गए सवाल पर अखिलेश ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया और टाल गए है।