जुबिली न्यूज डेस्क
भारत और नेपाल के बीच तनाव घटने के बजाए बढ़ता जा रहा है। कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भगवान राम के जन्मस्थान को लेकर बयान दिया था जिसकी वजह से विवाद खड़ा हो गया था और अब गौतम बुद्ध को लेकर नया विवाद शुरु हो गया है।
नेपाल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान से खफा है। दरअसल 8 अगस्त को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था- ऐसे कौन से महानतम भारतीय हैं, जिन्हें आप याद रख सकते हैं। तो मैं कहूंगा एक हैं गौतम बुद्ध और दूसरे महात्मा गांधी। फिर क्या इस बयान पर नया विवाद खड़ा हो गया। नेपाल ने इस पर आपत्ति जतायी है।
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गौतम बुद्ध को लेकर नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि ऐतिहासिक और पुरातात्विक साक्ष्यों से यह एक स्थापित और निर्विवाद तथ्य है कि गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में हुआ था। बुद्ध का जन्मस्थान लुम्बिनी बौद्ध धर्म के उत्पत्ति का स्थान है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर में से एक है।
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में 2004 के भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेपाल दौरे का भी जिक्र किया है, जिसमें मोदी ने कहा था कि नेपाल वो देश हैं, जहां दुनिया भर में शांति के दूत गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था।
नेपाली विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा है- ये सच है कि बौद्ध धर्म नेपाल से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैला। ये विषय विवाद का विषय नहीं और न ही इस पर कोई संदेह है। इसलिए ये बहस का मुद्दा नहीं हो सकता। पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय इससे अवगत है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान पर नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने आपत्ति जताया है। उन्होंने फेसबुक पर जारी अपने बयान में लिखा है- भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का नेपाल के लुम्बिनी में जन्मे गौतम बुद्ध पर बयान अवास्तविक और आपत्तिजनक है। भारतीय नेताओं की ओर से व्यक्त असंवेदनशील बयान और गलतफहमियों का दोनों देशों के बीच संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मैं नेपाल सरकार से अनुरोध करता हूं कि वे औपचारिक रूप से भारत से बात करे।
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भारतीय विदेशमन्त्री एस. जयशंकरले नेपालको लुम्बिनीमा जन्मिएका गौतम वुद्धलाई 'महान् भारतीय' भन्दै गरेको प्रचार तथ्यहीन र…
Gepostet von माधव कुमार नेपाल – Madhav Kumar Nepal am Sonntag, 9. August 2020
हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने बाद में एक बयान जारी करके इस विवाद को ठंडा करने की कोशिश की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा- विदेश मंत्री साझा बौद्ध विरासत का जिक्र कर रहे थे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी में हुआ था, जो नेपाल में है।
हालांकि विदेश मंत्रालय ने ये स्पष्ट नहीं किया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गौतम बुद्ध को भारतीय क्यों कहा।
नेपाल और भारत के बीच पिछले कुछ महीनों से तनाव चल रहा है। नेपाल ने इस साल मई में अपना नया नक्शा जारी किया था, जिसमें लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपना इलाक़ा दिखाया था। ये तीनों इलाके अभी भारत में हैं लेकिन नेपाल दावा करता है कि ये उसका इलाका है, जबकि भारत इसे अपना इलाका मानता है।