जुबिली न्यूज डेस्क
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रैंड फिनाले में छात्रों से बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि युवा भारत टैलेंट का भंडार है और देश की समस्याओं के लिए उनके पास नए और रचनात्मक समाधान हैं। थोड़े से गाइडेंस के साथ वे कोविड-19 महामारी के बीच और उसके बाद के समय में देश को काफी आगे ले जा सकते हैं।
पीएम मोदी ने इस दौरान नई शिक्षा नीति की खूबियां गिनाईं। पीएम ने कहा कि अब आर्ट, साइंस और कॉमर्स के बीच की दूरी हटा दी गई है। अब आप मैथ के साथ म्यूजिक भी पढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है और तेजी से बदली दुनिया में भारत को भी तेजी से बदलना होगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति नौकरी खोजने वालों के बजाय नौकरी देने वालों को बनाने पर जोर देती है।
पीएम मोदी ने कहा, ”कोरोना वायरस महामारी के दौर में हैकाथॉन आयोजित करना बड़ी चुनौती था। मैं इसमें भाग लेने वालों और आयोजनकर्ताओं को बधाई देता हूं कि उन्होंने इस इवेंट को संभव बनाया।”
पीएम ने कहा, ”बीती सदी में हमने दुनिया को बेहतरीन वैज्ञानिक दिए हैं। लेकिन 21वीं सदी है और तेजी से बदलती हुई दुनिया में भारत को अपनी वह प्रभावी भूमिका निभाने के लिए हमें खुद को भी बदलना होगा और इसी सोच के साथ देश में इनोवेशन, रिसर्च, डिजाइन, डिवेलपमेंट के लिए जरूरी इकोसिस्टम तेजी से तैयार किया जा रहा है। क्वालिटी एजुकेशन पर बहुत ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
The New Education Policy 2020 has been made keeping in mind the thinking, needs, hopes and aspirations of 21st century youth. This is not just a policy document, its a reflection of aspirations of 130 crore Indians: PM @narendramodi addresses #SmartIndiaHackathon2020 #NEP2020 pic.twitter.com/rP4ZicuXfg
— PIB India (@PIB_India) August 1, 2020
पीएम मोदी ने कहा, ”कुछ दिन पहले देश की नई एजुकेशन पॉलिसी का ऐलान किया गया है। यह पॉलिसी 21वीं सदी के नौजवानों की सोच, उनकी जरूरतों और आशा-आकांक्षाओं देखते हुए बनाने का व्यापक प्रयास किया गया है। 5 वर्ष तक देश भर में इसके हर बिंदु पर व्यापक चर्चा हुई है, तब जाकर यह नई नीति बनी है। यह सच्चे अर्थ में पूरे भारत को, भारत के सपने को अपने में समेटे हुए है। इसमें हर क्षेत्र और राज्य के विद्वानों के विचारों को शामिल किया गया है। यह सिर्फ पॉलिसी डॉक्युमेंट नहीं 130 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं का प्रगटीकरण है।”
पीएम ने कहा, ”आप भी अपने आसपास ऐसे लोगों को देखा होगा जो कहते हैं कि उनका ऐसे विषय के आधार पर जज किया जाता है जिसमें उसकी कभी रुचि नहीं थी, वे दूसरों के द्वारा चुने गए विषय मजबूरन पढ़ने लगते हैं। इस व्यवस्था ने देश को एक बहुत बड़ी आबादी ऐसी दी जो पढ़ी लिखी तो है लेकिन जो उसने पढ़ा है उसमें से अधिकांश उसके काम नहीं आता। डिग्रियों के अंबार के बाद भी वह अधूरापन महसूस करता है। उसके भीतर जो आत्मविश्वास आना चाहिए उसकी कमी महसूस करता है। इसका प्रभाव उसके पूरे जीवन पर पड़ता है।”
#NEP2020 focuses not only on local art, education & classical knowledge, but also inviting top global institutions to open campuses in India. Youth will get world class exposure in the country itself & this will also help in making India a global education hub: PM @narendramodi pic.twitter.com/F1M6YehcJi
— PIB India (@PIB_India) August 1, 2020
पीएम मोदी ने कहा, ”नई एजुकेशन पॉलिसी से इसी अप्रोच को दूर किया जा रहा है। भारत की शिक्षा व्यवस्था में सिस्टैमैटिक रिफॉर्म, इंटेंट और कंटेंट दोनों को बदलने का प्रयास है। 21वीं सदी नॉलेज का दौर है।” पीएम मोदी ने कहा-सीखाना, सवाल और समाधान तलाशना जारी रखें। जब आप सीखते हैं तो आप सवाल पूछने की बुद्धिमता हासिल करते हैं, जब आप सवाल करते हैं तो अलग हटकर समाधान तलाशते हैं और जब आप ऐसा करते हैं तो आप आगे बढ़ते हैं, देश आगे बढ़ता है।”
पीएम मोदी ने कहा, ”हमारे देश में भाषा संवेदनशील विषय रहा है। इसलिए हमारे यहां स्थानीय भाषाओं को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। एजुकेशन पॉलिसी में जो बदलाव लाए गए हैं उससे भारत की भाषाएं और आगे बढ़ेंगी। यह भारत के ज्ञान के साथ भारत की एकता बढ़ाएगी। इससे विश्व का भी भारत के समृद्ध भाषा से जुड़ाव होगा। बच्चों को अपनी भाषा में पढ़ने का मौका मिलेगा। आज जीडीपी के आधार पर टॉप 20 के देश देखें तो ज्यादातर देश अपनी मातृभाषा में शिक्षा देते हैं। वे अपनी भाषा में सीखते हैं और दुनिया से संवाद के लिए दूसरी भाषाएं सीखते हैं। भारत के पास भाषाओं का भंडार है।”
इस वर्ष सॉफ्टवेयर संस्करण का ग्रैंड फिनाले पूरे देश में सभी प्रतिभागियों को एक विशेष रूप से निर्मित उन्नत प्लेटफॉर्म पर एक साथ जोड़कर ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। 37 केंद्रीय सरकारी विभागों, 17 राज्य सरकारों और 20 उद्योगों की 243 समस्याओं को हल करने के लिए 10,000 से अधिक छात्र प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के पहले दौर में 4.5 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया। 2017 में इसके पहले संस्करण में 42,000 छात्रों की भागीदारी थी जो 2018 में बढ़कर 1 लाख और 2019 में 2 लाख के पार हो गई।