जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के महराजगंज से ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर यूपी सरकार के होश उड़ गए है। एसीएमओ डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने अपने पीड़ा जताते हुए अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, गोरखपुर मंडल को अपना इस्तीफा सौंपा दिया है।
महाराजगंज जनपद को जिला प्रशासन ने ओडीएफ घोषित कर दिया है। यानी महाराजगंज पूरी तरह शौच मुक्त है। लेकिन एसीएमओ / डीटीओ विवेक श्रीवास्तव ने कहा जिला प्रशासन द्वारा यूपी सरकार को दी गई यह सूचना पूरी तरह झूठी एवं मनगढ़ंत है।
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यही कारण है कि महाराजगंज जनपद में अनेकों संक्रामक बीमारियों ने अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों के जिम्मेदार जिला प्रशासन चिकित्सा विभाग को दोषी ठहरा रहा है और चिकित्सा विभाग के कर्मियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। यही नहीं वह इस तरह हैं कि उनसे पूछने पर वह फूट-फूटकर रो पड़े।
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उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन अपनी गलती को छुपाने के लिए मेरे विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने तक की बात कर रहा है। जबकि हकीकत यह है कि महाराजगंज जनपद अभी तक ओडीएफ नहीं हो पाया है और पूरी तरह से शौचयुक्त है। ऐसे में संक्रामक बीमारियां तो पांव पसारेंगी ही।
उन्होंने इस गलत सूचना से आहत होकर निदेशक परिवार स्वास्थ्य कल्याण गोरखपुर मंडल गोरखपुर को अपना त्यागपत्र भेज दिया है तथा महाराजगंज जिला प्रशासन कि गलत सूचना को पूरी तरह उजागर भी किया है। उन्होंने इस्तीफा किन कारणों से दिया है वो उनके द्वारा ही लिखित है।
अपर निदेशक,
चिकित्सा एवम् स्वास्थ्य,
गोरखपुर मंडल, गोरखपुर।
महोदय,
सादर अवगत हों कि निम्न कारणों से मैं अपने पद से त्यागपत्र प्रस्तुत कर रहा हूं:-
1, जनपद महराजगंज के सभी ब्लाक खुले में शौच से युक्त है फिर भी जनपद महराजगंज ODF घोषित है।
और AES सहित जल जनित बीमारियां और मौतें हो रही हैं,लेकिन जिला प्रशासन इन कमियों पर मौन है।
2 जनपद महराजगंज में 4017 Severly malnourished children और 25771 malnourished children हैं,अधिकांश गर्भवती महिलाओं और बच्चों को AWW के द्वारा पोषाहार दिया ही नहीं जा रहा है, इस समस्या का सीधा संबंध बच्चों की morbidity और mortality पर है, परंतु जिला प्रशासन इस पर मौन है।
3, जनपद की अधिकांश ग्रामीण जनता उथले हैंडपंप का अशुद्ध जल पी रही है, घर के निकट पेयजल का अन्य श्रोत न होने के कारण लाल निशान लगे उथले हैंड पंप से वो पानी पीने को विवश है और AES सहित जल जनित बीमारियां हो रही हैं,लेकिन जिला प्रशासन इन कमियों पर मौन है।
4, आशा salaried employee नहीं है, वह मानदेय पर कार्य करने वाली Social Health Worker है, फिर भी फीवर ट्रैकिंग हेतु बिना मानदेय के उससे सम्पूर्ण क्षेत्र में फीवर ट्रैकिंग के लिए दबाव बनाया जा रहा है AES/JE के केस/डेथ होने पर retrograde फीवर ट्रैकिंग की मॉनिटरिंग की जा रही है और उसकी इस विफलता के लिए चिकित्सकों को पूरी तरह से जिम्मेदार मानते हुए प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा FIR/Judicial Inquiry का भय दिखाया जा रहा है।
उक्त परिस्थितियों में जिला प्रशासन के द्वारा समुचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है और हर इंसेफेलाइटिस केस/डेथ के लिए सीधे तौर पर चिकित्सकों पर FIR/Judicial Inquiry का भय दिखाया जा रहा है। मैं अत्यंत मानसिक दबाव हूं और अपना कार्य सुचारू रूप से नहीं कर पा रहा हूं।कृपया मेरा त्यागपत्र स्वीकार कराने में मेरी सहायता करें।
जिससे मै अपने पद की जिम्मेदारी से मुक्त होकर आजीविका का दूसरा साधन अपना सकूं।
डॉ विवेक श्रीवास्तव
ACMO/DTO
जनपद महराजगंज।
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