जुबली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 5 अगस्त होने वाले राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस कार्यक्रम को लेकर महाराष्ट्र सरकार में भी बयानबाजी शुरू हो गई है।
इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि जिस किसी को मेरी सरकार गिरानी हो वो आज ही गिराए, सीएम उद्धव ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में ये बात कही। उन्होंने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अगर मेरी सरकार तीन पहिये वाली है, ये सही दिशा में आगे बढ़ रही है तो आपके पेट में दर्द क्यों हो रहा है?
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इससे पहले महा विकास अघाड़ी सरकार की तुलना तीन-पहिया, ऑटो रिक्शा से करते हुए इसकी स्थिरता पर संदेह प्रकट किया था। जिस पर उद्धव ठाकरे का ये बयान आया है।
सीएम उद्धव ने कहा कि मेरी सरकार का भविष्य विपक्ष के हाथों में नहीं। मेरी सरकार गरीबों का तीन पहिये का रिक्शा है, स्टेयरिंग मेरे हाथ में है लेकिन पीछे दो और लोग बैठे हैं। हमें गठबंधन सहयोगी एनसीपी और कांग्रेस ‘सकारात्मक’ हैं और महा विकास अघाड़ी सरकार को उनके अनुभव का फायदा मिल रहा है।
5 अगस्त को अयोध्या जाऊंगा : उद्धव
राम मंदिर के भूमि पूजन में जाने के सवाल पर उद्धव ने कहा मैं इंसान के रूप में कुछ भी जवाब दे सकता हूं लेकिन राम मंदिर के संघर्ष में शिवसेना की भूमिका इतिहास में दर्ज है। मैं मुख्यमंत्री नहीं था उस समय भी राम मंदिर में गया था। असल में संयोग में मेरी श्रद्धा है।
ठाकरे ने कहा कि मैं 5 अगस्त को अयोध्या जाऊंगा। राम मंदिर को लेकर शिवसेना की भूमिका में बदलाव का सवाल ही नहीं है। राम मंदिर हमारी भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। शिवसेना ने राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त किया ये इतिहास कहता है।
बता दें कि इससे पहले संजय राउत ने मुख्यमंत्री के अयोध्या जाने की घोषणा की थी। संजय राउत ने कहा, “उद्धव ठाकरे अयोध्या राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए जाएंगे। ये एक ऐतिहासिक क्षण है, इस भूमि पूजन के लिए निमंत्रण उद्धव ठाकरे को आएगा और वो अयोध्या जरूर जाएंगे।”
इस पूरे विवाद की शुरुआत हुई शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नित्य गोपाल दास को पत्र लिखने से। इस पत्र में सरनाईक ने भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निमंत्रित करने की मांग की। साथ ही, राम मंदिर के निर्माण कार्य में शिवसेना के योगदान को देखते हुए, राम मंदिर ट्रस्ट पर एक पुराने राम भक्त शिवसैनिक को भी नियुक्त करने की मांग की गई। इस पर एनसीपी के नेता माजिद मेमन ने ट्वीट कर कहा, “मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राम मंदिर भूमि पूजन के लिए न्योता आया है। इस कोरोना महामारी की भयावह परिस्थिति के बावजूद वो वहां जा सकते हैं। लेकिन एक राज्य के प्रमुख होने के नाते उन्होंने एक धर्म के कार्यक्रम को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।”
इससे पहले खुद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने राम मंदिर भूमि पूजन पर बयान देते हुए कहा कि राम मंदिर बनने से कोरोना ख़त्म नहीं होगा। इस बयान लेकर खूब हंगामा हुआ। इसके बाद आए शिवसेना के बयान पर एनसीपी ने आपत्ति जताई, जिस पर संजय राउत ने यहां तक कह डाला कि उद्धव ठाकरे को अयोध्या जाने के लिए किसी के एनओसी की जरूरत नहीं। इसी पर शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने कहा कि उद्धव ठाकरे अगर राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए नहीं जाएंगे तो क्या मस्जिद, चर्च के भूमि पूजन के लिए जाएंगे।
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