जुबिली न्यूज डेस्क
राजस्थान में पिछले कई दिन से चल रहे सियासी संकट पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। पायलट गुट की याचिका को सही मानते हुए कोर्ट ने स्पीकर की तरफ से जारी नोटिस पर रोक लगा दी है। इसका मतलब की विधानसभा स्पीकर अब कांग्रेस के बागी 19 विधायकों को अयोग्य करार नहीं दे पाएंगे।
हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के उस नोटिस पर स्टे लगा दिया है, जिसमें बागी विधायकों पर अयोग्य करार होने का खतरा बरकरार था। हालांकि, अभी ये अंतिम फैसला नहीं है।
यह भी पढ़े: यूपी में अपराध बेकाबू, फिरौती देने के बाद भी संजीत यादव की हत्या
इससे पहले मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाने की अर्जी को मंजूर कर ली थी। स्पीकर की ओर से सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों को जारी नोटिस की वैधानिकता को लेकर पायलट खेमा हाईकोर्ट पहुंचा। 21 जुलाई को कोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए विधानसभा स्पीकर से 24 जुलाई तक अयोग्यता कार्यवाही न करने का निर्देश दिया था।
यह भी पढ़े: Corona Update : पिछले 24 घंटे में करीब 50 हजार मामलें आये सामने
इस बीच सचिन पायलट ने भी हाईकोर्ट के फैसले से पहले अपनी चुप्पी तोड दी है। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सचिन पायलट जमकर सीएम अशोक गहलोत पर बरसे। पायलट ने यहां सीधे तौर पर कह दिया है कि वो उनकी लड़ाई गहलोत से हैं। पायलट ने कहा कि मैं कांग्रेस में रहकर ही अपनी लड़ाई लडूंगा।
राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम में राजस्थान भाजपा ‘वेट एंड वॉच’ की भूमिका में है। पार्टी के नेता बैठकें तो कर रहे हैं, लेकिन सबको कोर्ट के फैसले और विधानसभा सत्र का ही इंतजार है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जब तक कोर्ट का फैसला और विधानसभा सत्र की बात स्पष्ट नहीं होती, तब तक सब कुछ अनिश्चित है। पार्टी इस मामले में आलाकमान के निर्देशों पर भी निर्भर है। वहां से मिले निर्देशों के बाद ही पार्टी आगे बढ़ेगी। विधायक दल की बैठक के बारे में भी अभी कुछ तय नहीं है।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बड़ा बयान दिया है। सतीश पूनिया का कहना है कि अगर प्रदेश में परिस्थितियां बनती हैं, तो सचिन पायलट भी राजस्थान के मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बोले कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनने के लिए ही बगावत किए हैं और देश में ऐसा इतिहास रहा है कि जिनके पास कम विधायक रहे हैं, वह भी मुख्यमंत्री बने हैं।