जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. राजस्थान का सियासी संकट अब सुलझने की संभावनाएं खो चुका है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की खाई तेज़ी से बढ़ती जा रही है. गहलोत ने सचिन को लेकर दिए अपने ताज़ा बयान में उन्हें नाकारा और निकम्मा बताकर यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी तरफ से समझौते की सारी गुंजाइशें अब खत्म हो चुकी हैं.
गहलोत ने सचिन पायलट को लेकर कहा कि हम शुरू से जानते थे कि वह निकम्मा है, नाकारा है लेकिन पिछले सात साल में हमने उन्हें एक बार भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने को नहीं कहा. जबकि हम जानते थे कि वह सिर्फ लोगों को लड़वाने का काम कर रहा है.
गहलोत ने कहा कि सचिन के कांग्रेस अध्यक्ष रहने का हमने कभी विरोध नहीं किया क्योंकि उन पर सोनिया गांधी को भरोसा था. उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार बनने के छह महीने बाद ही सचिन बीजेपी से मिलकर सरकार के खिलाफ साजिश रचने लगे थे.
गहलोत ने कहा कि सचिन के पास मासूम चेहरा है. हिन्दी और अंग्रेज़ी पर कमांड है. उन्होंने पूरे देश की मीडिया को प्रभावित कर रखा है. लेकिन उन्होंने जो खेल खेला वह दुर्भाग्यपूर्ण है.
यह भी पढ़ें : 103 विधायकों के साथ गहलोत देंगे फ्लोर टेस्ट!
यह भी पढ़ें : गहलोत पर क्यों बरसी मायावती
यह भी पढ़ें : बीजेपी ने गहलोत से पूछे 5 सवाल, कहा- राजस्थान में Emergency जैसे हालात
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : सचिन को जगन बनने से रोक लें राहुल
सचिन के खिलाफ आग उगलते-उगलते गहलोत ने अपनी मंशा भी स्पष्ट कर दी. उन्होंने कहा कि मैं कोई सब्जी या बैगन बेचने नहीं आया, मैं यहाँ सीएम बनने आया हूँ. हमने यहाँ के लोगों को उनका मान सम्मान करना सिखाया, और वह कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपकर चला गया.