प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 51 साल बीत चुके हैं. 19 जुलाई 1969 को भारत सरकार ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था. इन 51 सालों में राष्ट्र के विकास में बैंकों का सबसे बड़ा योगदान रहा है. करोड़ों लोगों की आय का जरिया बने हैं बैंक. एक तरफ इसने लोगों का पैसा सुरक्षित रखा है तो दूसरी तरफ किसी को ऋण देकर और किसी को नौकरी देकर और किसी के रोज़गार में मदद देकर उसे उसके पैरों पर खड़ा किया है.
…लेकिन दूसरी तरफ भ्रष्टाचार का घुन बैंकों को लगातार खोखला करता रहा है. देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का सबसे बड़ा साधन माना जाने वाला बैंक उन डिफाल्टर्स की वजह से मुश्किल दौर में पहुँच चुका है. आल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन (AIBEA) ने आज उन 2426 डिफाल्टर्स की लिस्ट जारी की है जिन्होंने बैंकों को एक लाख 47 हज़ार 350 करोड़ रुपये का चूना लगाया है.
AIBEA ने तय किया है कि वह ऐसे डिफाल्टर्स के खिलाफ राष्ट्रव्यापी मुहिम चलाएगा जिन्होंने बैंकों की बड़ी रकम हड़प कर देश की अर्थव्यवस्था को कमज़ोर कर दिया है. AIBEA के जनरल सेक्रेटरी सी.एच. वेंकटाचलम ने बताया कि देश को आत्मनिर्भर बनाने में बैंकों का शुरू से ही काफी बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने बैंकों के राष्ट्रीयकरण की 51 वीं सालगिरह पर एसोसियेशन के पूर्व महासचिव प्रभात कार और सचिव एच.एल. परवाना को याद किया जिनकी बैंकों के राष्ट्रीयकरण में प्रमुख भूमिका थी.
सी.एच. वेंकटाचलम ने बताया कि देश में बैंकों में आम आदमी की बचत का 138 लाख करोड़ रुपया सुरक्षित है. बैंक एक तरफ आम आदमी की इस बचत को सुरक्षित रखने का काम करता है तो दूसरी तरफ इसी राशि से देश में रोज़गार का सृजन करता है. कृषि की ज़रूरतों को पूरा करता है. गरीबी दूर करने के रास्ते खोजता है, ग्रामीण विकास में पैसा खर्च करता है. महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम करता है. छोटे और माध्यम श्रेणी के उद्योगों को गति देने का काम करता है. सरकार की सभी बड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारने में बैंकों की बड़ी अहम भूमिका होती है. देश के विकास की गाड़ी का इंजन अगर बैंकों को कहें तो कोई गलत बात नहीं होगी लेकिन डिफाल्टर्स ने बैंकों का जो धन हड़प लिया है वह भी अगर विकास के कामों में लग रहा होता तो देश की अर्थव्यवस्था बहुत बेहतर हालत में होती.
AIBEA ने 30 सितम्बर 2019 तक बैंकों के 2426 डिफाल्टर्स की संख्या जारी की है. एसोसियेशन ने आज यह बताया है कि किस बैंक को कितने डिफाल्टर्स ने कितने धन का चूना लगाया.
इस सूची के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया को 685 डिफाल्टर्स ने 43 हज़ार 887 करोड़ रुपये का चूना लगाया. पंजाब नेशनल बैंक को 325 डिफाल्टर्स ने 22 हज़ार 370 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ़ बड़ौदा को 355 डिफाल्टर्स ने 14 हज़ार 661 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ़ इंडिया को 184 डिफाल्टर्स ने 11 हज़ार 250 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया को 69 डिफाल्टर्स ने 9663 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया को 128 डिफाल्टर्स ने 7028 करोड़ रुपये, यूको बैंक ने 87 डिफाल्टर्स ने 6813 करोड़ रुपये, ओरियंटल बैंक ऑफ़ कामर्स को 138 डिफाल्टर्स ने 6549 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 96 डिफाल्टर्स ने 5276 करोड़ रुपये, आंध्रा बैंक को 84 डिफाल्टर्स ने 5165 करोड़ रुपये, इलाहाबाद बैंक को 57 डिफाल्टर्स ने 4339 करोड़ रुपये, इन्डियन ओवरसीज़ बैंक को 49 डिफाल्टर्स ने 3188 करोड़ रुपये, कारपोरेशन बैंक को 58 डिफाल्टर्स ने 2450 करोड़ रुपये, इन्डियन बैंक को 27 डिफाल्टर्स ने 1613 करोड़ रुपये, सिंडीकेट बैंक को 36 डिफाल्टर्स ने 1438 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र को 42 डिफाल्टर्स ने 1405 करोड़ रुपये और पंजाब एंड सिंध बैंक को छह डिफाल्टर्स ने 255 करोड़ रुपये का चूना लगाया. इस तरह से 17 बैंकों को 2426 डिफाल्टर्स ने एक लाख 47 हज़ार 350 करोड़ रुपये का नुक्सान पहुंचा दिया.
बैंकों ने सभी डिफाल्टर्स की कम्पनी का नाम और कितना पैसा लेकर बैंक को वापस नहीं किया को सार्वजनिक करने का फैसला किया है. कई डिफाल्टर्स ऐसे हैं जिन्होंने कई बैंकों को निशाना बनाया है. जैसे रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, डायमंड पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और ट्रांसट्राय इंडिया लिमिटेड ने कई बैंकों के साथ जालसाजी की है.
यहाँ हम बड़े डिफाल्टर्स की बात करें तो इलाहाबाद बैंक से कोंकास्ट स्टील एंड पॉवर लिमिटेड ने 735 करोड़ रुपये, रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 315 करोड़ रुपये, केमरोक इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट लिमिटेड ने 300 करोड़ रुपये, आंध्रा बैंक से स्टर्लिंग आयल रिसोर्सेज़ लिमिटेड ने 888 करोड़ रुपये, वीएमसी सिस्टम्स लिमिटेड ने 485 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ़ बड़ौदा से ट्रांसट्राय इंडिया लिमिटेड ने 539 करोड़ रुपये, एमटेक ऑटो लिमिटेड ने 498 करोड़ रुपये, रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 457 करोड़ रुपये, किंगफिशर एयरलाइन्स लिमिटेड ने 442 करोड़ रुपये, रेसी एग्रो लिमिटेड ने 432 करोड़ रुपये, एबीसी कोट्सपेन प्राइवेट लिमिटेड ने 362 करोड़ रुपये और डायमंड पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 334 करोड़ रुपये का चूना लगाया है.
बैंक ऑफ़ इण्डिया के साथ रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 823 करोड़ रुपये, गुप्ता कोल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 704 करोड़ रुपये, डायमंड पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 378 करोड़ रुपये, केनरा बैंक से ट्रांसट्राय इंडिया लिमिटेड ने 678 करोड़ रुपये, विन्सम डायमंड एंड ज्वेलरी लिमिटेड ने 636 करोड़ रुपये, नाकोडा लिमिटेड ने 375 करोड़ रुपये, एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड ने 356 करोड़ रुपये, एक्शन इस्पात एंड पॉवर प्राइवेट लिमिटेड ने 347 करोड़ रुपये और डेक्कन क्रोनिकल होल्डिंग लिमिटेड ने 328 करोड़ रुपये का चूना लगाया.
सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया से विन्सम डायमंड्स एंड ज्वेलरी लिमिटेड ने 1390 करोड़ रुपये, इलेक्ट्रोथर्म इंडिया लिमिटेड ने 768 करोड़ रुपये, सेल टेक्सटाइल्स लिमिटेड ने 718 करोड़ रुपये, कुडोस केमीक लिमिटेड ने 509 करोड़ रुपये, फोरेवर प्रीसियस ज्वेलरी एंड डायमंड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 497 करोड़, प्रकाश वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड ने 461 करोड़ रुपये, रेई एग्रो लिमिटेड ने 446 करोड़ रुपये, एस कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड ने 436 करोड़ रुपये, जैन इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 383 करोड़ रुपये और सुराना कारपोरेशन लिमिटेड ने 310 करोड़ रुपये हड़प लिए.
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इन्डियन बैंक से वरुण इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 378 करोड़ रुपये, इन्डियन ओवरसीज़ बैंक से रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 751 करोड़ रुपये, रेई एग्रो लिमिटेड ने 400 करोड़ रुपये, ओरियंटल बैंक ऑफ़ कामर्स से गुप्ता एक्सिम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 426 करोड़ रुपये, सिद्धि विनायक लोजिस्टिक लिमिटेड ने 354 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक से गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने 4644 करोड़ रुपये, गिली इंडिया लिमिटेड ने 1447 करोड़ रुपये, कुडोस केमिक लिमिटेड ने 1301 करोड़ रुपये, नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड ने 1109 करोड़ रुपये, विन्सम डायमंड्स एंड ज्वेलरी लिमिटेड ने 892 करोड़ रुपये, स्टर्लिंग ग्लोबल आयल रिसोर्सेज़ लिमिटेड ने 755 करोड़ रुपये, फोरेवर प्रेसियस ज्वेलरी एंड डायमंड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 736 करोड़ रुपये, हनंग टॉयज एंड टेक्सटाइल लिमिटेड ने 599 करोड़ रुपये, जस इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड पॉवर लिमिटेड ने 411 करोड़ रुपये, ज़ूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 403 करोड़ रुपये, गुप्ता कोल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 319 करोड़ रुपये और किंगफिशर एयरलाइन्स लिमिटेड ने 307 करोड़ रुपये लेकर वापस नहीं लौटाया.
यूनाईटेड बैंक ऑफ़ इंडिया से रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने 411 करोड़ रुपये, गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने 311 करोड़ रुपये और जीलोग सिस्टम्स लिमिटेड ने 308 करोड़ रुपये का नुक्सान पहुंचाया.
यूको बैंक से रेई एग्रो लिमिटेड ने 1745 करोड़ रुपये और ज़ूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 308 करोड़ रुपये का नुक्सान पहुंचाया. सिंडीकेट बैंक से फोरेवर प्रीसियस ज्वेलरी एंड डायमंड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 308 करोड़ रुपये लेकर वापस नहीं लौटाए.
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड ने 1875 करोड़ रुपये, रूचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 1618 करोड़ रुपये, कोस्टल प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 984 करोड़ रुपये, के.एस. ऑयल्स लिमिटेड ने 831 करोड़ रुपये, अर्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 743 करोड़ रुपये, बीएस लिमिटेड ने 701 करोड़ रुपये, रेई एग्रो लिमिटेड ने 672 करोड़ रुपये, किंगफिशर एयरलाइन्स लिमिटेड ने 586 करोड़ रुपये, सूर्या फार्मास्यूटिकल लिमिटेड ने 574 करोड़ रुपये, एक्शन इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड ने 540 करोड़ रुपये, इंदु प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 508 करोड़ रुपये, रेडिकल फूड्स लिमिटेड ने 491 करोड़ रुपये, जी.ई.टी. पॉवर लिमिटेड ने 476 करोड़ रुपये, जय पोलिकेम इंडिया लिमिटेड ने 475 करोड़ रुपये, श्री गणेश ज्वेलरी हाउस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 453 करोड़ रुपये, साईं इन्फोसिस्टम इंडिया लिमिटेड ने 429 करोड़ रुपये, एबीसी कोट्सपेन प्राइवेट लिमिटेड ने 404 करोड़ रुपये, डनर फूड्स लिमिटेड ने 402 करोड़ रुपये, फर्स्ट लीजिंग कंपनी ऑफ़ इंडिया ने 397 करोड़ रुपये, सुराना कारपोरेशन लिमिटेड ने 378 करोड़ रुपये, ज़ूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 375 करोड़ रुपये, वीएमसी सिस्टम्स लिमिटेड ने 371 करोड़ रुपये, जैन इन्फ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 360 करोड़ रुपये, सूर्या विनायक इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 347 करोड़ रुपये, भद्रेश ट्रेडिंग कारपोरेशन लिमिटेड ने 332 करोड़ रुपये, एगेनाईट एजूकेशन लिमिटेड ने 314 करोड़ रुपये और कल्विक्स केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड ने 301 करोड़ रुपये का चूना लगाया.
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बैंकों की तरफ से डिफाल्टर्स की जो लिस्ट घोषित की गई है उसमें 2426 नाम हैं. जुबिली पोस्ट के पास पूरी सूची है. यहाँ सिर्फ 300 करोड़ से ज्यादा राशि का घपला करने वालों के नाम दिए जा रहे हैं.