जुबली न्यूज़ डेस्क
मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में इस वक्त अन्तर्कलह जोरों पर है, हर किसी को पद चाहिये, मंत्री पद चाहिये। भाजपा नेताओं के मनमुटाव और विरोध की खबरें अब मध्य प्रदेश के अखबारों में प्रथम पेज पर आने लगी हैं।
दरअसल अभी हाल ही में जब सिंधिया गुट को प्राथमिकता दी गयी तो कई पुराने कार्यकर्ता नाराज हुए। कहने लगे, कल के आये लोगों को आते ही रेवड़ी और मलाई। आखिर हमने क्या बिगाड़ा है ? हम तो लगातार पार्टी की सेवा कर रहे हैं। तो क्या सेवा का मेवा ऐसे देने की रवायत चल पड़ी है?
वहीं सेवड़ा विधानसभा से पूर्व विधायक एवं दतिया जिले के महामंत्री रामदयाल प्रभाकर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ ही अपने सभी पदों से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है। इस बावत उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने पार्टी में तानाशाही होने का आरोप लगाया, साथ ही उनकी उपेक्षा और अपमान की भी बात कही है।
उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी में लिखा है कि पार्टी में पुराने कार्यकर्ताओं की भयंकर उपेक्षा की जा रही है, अपमान किया जा रहा है। पार्टी में तानाशाही है और पार्टी हित, जनहित की बात को विरोध करार दिया जा रहा है। इसीलिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता एवं पार्टी के सभी पदों से उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया जाये।
अब देखना है कि रामदयाल प्रभाकर के इस पत्र पर मध्य प्रदेश भाजपा में क्या प्रतिक्रिया होती है। लेकिन रामदयाल प्रभाकर के इस पत्र का प्रभाव व्यापक दिखाई देने लगा है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में विधानसभा की 25 रिक्त हुई सीटों पर आने वाले दिनों में उपचुनाव होने वाले हैं और ऐसे में प्रदेश की दोनों ही प्रमुख पार्टियां उपचुनाव की तैयारियों में जुटी हैं, लेकिन इसी बीच अब भाजपा में अन्तर्कलह सामने आने लगी है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद लगातार कई नेताओं में असंतोष देखने को मिल रहा है और वे विभिन्न माध्यमों से अपनी नाराजगी भी जता रहे हैं। गत दिनों पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के एक ट्वीट ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी थी। अब दतिया के सेंवड़ा से पूर्व विधायक ने इस्तीफे की पेशकश कर भाजपा में हडकम्प मचा दिया है।
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