जुबिली स्पेशल डेस्क
भोपाल। हाल के दिनों में खाकी यानी पुलिस के अच्छे-बुरे दोनों रूप देखने को मिलते रहे हैं। अक्सर पुलिस के अच्छे कामों पर लोग तारीफ करते हैं लेकिन कभी-कभी इसी खाकी से लोगों को डर लगने लगता है। आलम तो यह है कि अपराधियों से ज्यादा डर तो लोगों को पुलिस से लगने लगा है। दरअसल खाकी के कुछ ऐसे रूप सामने आ चुके हैं जिससे सुनकर आम आदमी को डर लगने लगता है। इतना ही नहीं पुलिस की बात आते ही उसके पैर डर से थर-थर कांपने लगते हैं।
हालांकि पुलिस के लिए यह अच्छी बात नहीं है। जिस खाकी का नाम सुनते अपराधियों के होश उड़ जाने चाहिए उसकी बात आते ही आम आदमी सहम जाता है। इसका ताजा उदाहरण मध्य प्रदेश के गुना में देखने को मिला। जहां पुलिस की बर्बरता सामने आ रही है। दरअसल सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस ने सारी हदे पार कर ली।
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इतना ही नहीं अमानवीयता की सारी हदें पार करते हुए किसान को न सिर्फ प्रताडि़त किया बल्कि इतना मारा है कि उसकी सांसे अटक गई। पुलिस की इस हरकत के दौरान किसान ने अपनी जमीन को बचाने के लिए जहर यानी कीटनाशक दवा तक पी डाली थी लेकिन पुलिस तब भी नहीं मानी लाठियों से पीटती रही।
किसान ने कहा कि मेरे परिवार में 10-12 लोग हैं। अब मेरे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया।
मां-बाप पर जब जहर यानी कीटनाशक का असर हुआ तो बेहोशी छाने लगी। अपने मा-बाप को बेहोश देकर मासूम बच्चे बिलख -बिलखकर रोने लगे और मदद की गुहार लगाते रहे। हालांकि पुलिस ने जब मां-बाप को बेहोश होता देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई और उनको आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया है।
जानकारी के मुताबिक एक महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि इस मामले में प्रशासन ने लापरवाही की है। बताया जा रहा है कि इस जमीन पर साइंस कॉलज बनाने की तैयारी है लेकिन किसी ने इस जमीन पर कब्जा कर रखा है और किसान दम्पती को यह जमीन उसने बटिया पर जोतने दे रखा है। इसी जमीन को खाली करने के लिए प्रशासन पहुंचा था।
इस जमीन पर फसल तैयार भी हो गई थी और केवल किसान इसकी मोहलत मांग रहा था लेकिन पुलिस इसे सुनने को तैयार नहीं थी। इस पूरे मामले में पुलिस ने किसान और उसकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। कैंट पुलिस ने इस मामले में कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कोशिश करने को लेकर किसान रामकुमार अहिरवार, उसकी पत्नी सावित्री बाई, शिशुपाल अहिरवार समेत 7 अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
उधर इस घटना पर कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों व रसूख़दारों द्वारा क़ब्ज़ा की गयी हज़ारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिये भी शिवराज सरकार दिखायेगी ?
क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों व रसूख़दारों द्वारा क़ब्ज़ा की गयी हज़ारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिये भी शिवराज सरकार दिखायेगी ?
ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्यवाही हो , अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।
3/3— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 15, 2020
ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्यवाही हो , अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।यदि पीड़ित युवक का ज़मीन सम्बंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे क़ानूनन हल किया जा सकता है लेकिन इस तरह क़ानून हाथ में लेकर उसकी,उसकी पत्नी की,परिजनो की व मासूम बच्चो तक की इतनी बेरहमी से पिटाई,यह कहाँ का न्याय है?
यदि पीड़ित युवक का ज़मीन सम्बंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे क़ानूनन हल किया जा सकता है लेकिन इस तरह क़ानून हाथ में लेकर उसकी,उसकी पत्नी की,परिजनो की व मासूम बच्चो तक की इतनी बेरहमी से पिटाई,यह कहाँ का न्याय है?
क्या यह सब इसलिये कि वो एक दलित परिवार से है,ग़रीब किसान है?
2/3— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 15, 2020
क्या यह सब इसलिये कि वो एक दलित परिवार से है,गऱीब किसान है?ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहाँ ले जा रही है ?
ये कैसा जंगल राज है ?
गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज।
ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहाँ ले जा रही है ?
ये कैसा जंगल राज है ?
गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज।
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