जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भगवा रंग पर विवाद बढ़ रहा है। दरअसल, प्रयागराज में प्रदेश के नागरिक उड्डयन, स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन मंत्री नंद गोपाल गुप्त नंदी के बहादुरगंज स्थित आवास की गली आजकल भगवा रंग से रंगी जा रही है। इस बात को लेकर वहां विवाद हो गया है।
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बहादुरगंज के एक रिटायर पशु चिकित्सक ने पोताई करने वालों पर जबरन घर को रंगने और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में एफआईआर कराई है। वहीं बहादुरगंज के ही अन्य व्यक्ति ने भी मंत्री के रिश्तेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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बहादुरगंज निवासी डॉ जीवन चंद्र सेवानिवृत्त पशु चिकित्सक हैं। उन्होंने कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। डॉक्टर की दी तहरीर में आरोप है कि अभिलाषा गुप्ता और नंद गोपाल नंदी के बुलाने पर रंग पोतने वाले आए थे। उनके घर को भ्रगवा रंग से रंगने की कोशिश की तो उन्होंने मना कर दिया था।
12 जुलाई को फिर कुछ लोग पहुंचे और उनके घर को गेरुआ रंग से पोत दिया। विरोध करने पर उन्हें मारा-पीटा और उनकी पत्नी सुनीता श्रीवास्तव से भी बदसलूकी की।
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वहीं दूसरी ओर बहादुरगंज निवासी रविंद्र गुप्ता ने कमल कुमार केसरवानी उर्फ लाला और अज्ञात के खिलाफ कोतवाली मुकदमा दर्ज कराया है। एफआईआर के मुताबिक 12 जुलाई की सुबह 4 बजे कमल कुमार केसरवानी उर्फ लाला अपने साथ 10-20 लोगों को लेकर उनके घर पर आया और उनके घर के सामने वाले हिस्से को भ्रगवा रंग से रंगने लगा। जब उन्होंने विरोध किया तो गाली दी और धमकाने लगा। उनके घर पर पथराव भी किया। बीचबचाव करने जब उनकी पत्नी आईं तो उन्हें भी धमकाया। आरोप लगाया कि लाला इससे पूर्व भी उन पर जानलेवा हमला कर चुका है। सीओ कोतवाली अमित श्रीवास्तव ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी का कहना है कि उन्हें एफआईआर दर्ज होने की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो वह पता करेंगे कि एफआईआर में क्या है। कहा कि कुछ लोग द्वेषवश उनकी छवि को धूमिल करने के लिए इस मौके पर राजनीति कर रहे हैं। जहां तक भगवा रंग में पोताई कराने का आरोप है तो यह गलत है, क्योंकि रंग भगवा नहीं बल्कि चाकलेटी और पीला है, लाइट नीले रंग की है। इसका एकमात्र उद्देश्य मोहल्ले का सुंदरीकरण करना है। कुछ लोगों को यह सुंदरीकरण रास नहीं आ रहा है इसलिए वे दुष्प्रचार कर रहे हैं।