जुबिली न्यूज डेस्क
पत्रकार तरुण सिसोदिया सुसाइड मामले को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। रिपोर्टिंग के दौरान कोरोना पॉजिटिव होने के बाद तरुण करीब 15 दिन पहले इलाज के लिए एम्स ट्रामा सेंटर में एडमिट हुए थे। बताया जा रहा है कि उनके इलाज में लापरवाही बरती जा रही थी।
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने पत्रकार तरुण सिसोदिया की मौत पर कहा कि मेरे पास अपना दुख व्यक्त करने के लिए कोई शब्द नहीं है। ये एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। उनके पूरे परिवार के प्रति मेरी संवेदना है।
I ordered AIIMS Director to immediately constitute an official inquiry into this incident, following which a high-level commitee has been set up & shall submit its report within 48 hours.
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) July 6, 2020
इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स निदेशक को तुरंत आधिकारिक जांच करने का आदेश दिया है। साथ ही एक उच्च-स्तरीय कमेटी गठित कर 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। इस जांच समिति में चीफ ऑफ न्यूरोसाइंस सेंटर से प्रोफेसर पद्मा, मनोचिकित्सा विभाग के हेड आरके चड्ढा, डिप्टी डायरेक्टर (एडमिन) डॉक्टर पांडा और डॉ यू सिंह शामिल हैं।
लापरवाही बरतने का मामला स्वास्थ्य मंत्रालय तक भी पहुंचा था और ट्रामा सेंटर से रिपोर्ट मांगी गई थी। आरोप है कि ट्रामा सेंटर प्रशासन ने तरुण के फोन को जब्त करके उन्हें ICU में शिफ्ट किया, ताकि वो आगे कोई शिकायत ना कर पाएं और अंदर की अव्यस्था की कहानी बाहर न जा सके।
तरुण को वेंटिलेटर की जरूत थी। कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि तरुण अपने वॉर्ड से गायब हैं, उनका फोन भी बंद था। हालांकि हेल्थ बीट कवर करने वाले पत्रकारों को इसकी जानकारी हो गई थी।
बिना बताए तरुण को शिफ्ट करने का सवाल उठा तो घंटों बीत जाने के बाद एम्स प्रशासन ने बताया कि उन्हें ICU में शिफ्ट कर दिया गया है।एम्स ने कहा कि तरुण मानसिक रूप से भी रोगी थे। उनका न्यूरोलॉजिस्ट और साइकियाट्रिक ट्रीटमेंट चल रहा था।
माना जा रहा है कि सिसोदिया की एचडीयू में शिफ्टिंग एम्स प्रशासन ने इसलिए की, क्योंकि उन्होंने एमसीडी और स्वास्थ्य विभाग, एम्स में मिलने वाली सुविधाओं की WhatsApp ग्रुप में तीखी आलोचना की थी। वहीं एक व्हट्सएप ग्रुप ‘खबरें दिल्ली पॉलिटिक्स’ में किए उनके आखिरी मैसेज अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
द एशियन ऐज के पत्रकार शशि भूषण ने एक व्हट्सएप चैट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, ‘पत्रकार तरुण सिसोदिया, जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, उन्हें डर था कि अस्पताल में उनकी हत्या कर दी जाएगी और आज उन्होंने अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर आईसीयू की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी।’
Journalist Tarun Sisodia, who had been admitted to AIIMS feared he will be murder at the hospital and today he jumped from the 4th floor of the hospital’s trauma centre ICU. pic.twitter.com/GCw8dNuCOm
— Shashi Bhushan (@ShashiJourno) July 6, 2020
इस व्हट्सएप ग्रुप में तरूण सिसोदिया मैसेज करते हैं, ‘हेल्लो सर, मुझे कुछ गड़बड़ लग रहा है। एम्स सीसीआई बता रहे हैं। अपने स्तर पर देखिए क्या बात है। कुछ बड़ा लगता है। इस लोकेशन पर कोई सीनियर नहीं है। किसी को कोई कुछ भी इंजेक्शन दे रहे हैं। प्लीज सर।’ इसके जवाब में संतोष सूर्यवंशी नाम का दूसरा यूजर पूछता है- क्या हुआ तरूण जी? आपकी तबियत तो ठीक है ना? इस के बाद तरूण लिखते हैं, ठीक नहीं है, मर्डर हो सकता है।’
ये सवाल उठ रहे हैं…
-तरुण को कोरोना वॉर्ड से ICU में क्यों शिफ्ट किया गया ?
-फैमिली से पूरी तरह संपर्क क्यों खत्म किया गया, जबकि संपर्क में रहने से उन्हें मानसिक रूप से राहत मिलती?
-किन परिस्थितियों में तरुण ने अपने साथियों के एक ग्रुप में लिखा कि मेरा मर्डर हो सकता है?
-डायग्नोसिस में अगर न्यूरो और साइको कंडीशन थे तो ऐसे मरीज को कड़ी निगरानी में क्यों नहीं रखा गया?
-ICU से कैसे एक कोविड मरीज निकल गया और चौथी मंजिल से छलांग लगा दी?
-अपनी रिपोर्ट में एम्स कह रहा है कि उसके पीछे सुरक्षा कर्मी दौड़े, क्या एम्स, ICU से लेकर बाहर तक का CCTV फुटेज शेयर करेगा?
-तरुण सुसाइड के खिलाफ थे, उन्होंने इस पर एक हिंदी अखबार में लेख भी लिखा था
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के डीसीपी देवेंद्र आर्या ने बताया कि भजनपुरा निवासी तरुण सिसोदिया को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ट्रॉमा सेंटर में 24 जून को भर्ती किया गया था। तब से सिसोदिया का यहां इलाज चल रहा था। सोमवार 6 जुलाई की दोपहर करीब 2 बजे चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। डीसीपी आर्या ने बताया कि सिसोदिया को तुरंत एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया। हालांकि उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
बताते चलें कि कुछ साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। उनकी दो बेटियां भी हैं। एक की उम्र दो साल है जबकि दूसरी बच्ची अभी मात्र कुछ ही महीने की है।