जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि बिहार क्रिकेट के भविष्य पर इसी सप्ताह बीसीसीआई कोई फैसला ले सकता है। उनके अनुसार बिहार क्रिकेट को लेकर लगातार मेल से बीसीसीआई की लीगल टीम ने अपना मत बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली को बताया है। ऐसे में उम्मीद है कि बीसीसीआई अब बिहार क्रिकेट को लेकर कोई फैसला कर लेगा।
आदित्य वर्मा ने कहा कि उन्हें पता चला है कि बीसीसीआई के ऐपेकस काउंसिल ने भी इस पर विस्तार पूर्वक चर्चा कर अपना निर्णय दे दिया है। देखना यह है कि बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ दादा बिहार क्रिकेट के हित मे कौन सा फैसला लेने वाले है।
उन्होंने कहा कि जब से बीसीए के सचिव एवं अध्यक्ष के बीच टकराव की खबर सामने आई थी इसके बाद बीसीसीआई ने इसपर कड़ा कदम उठाते हुए बिहार क्रिकेट को मिलने वाले ग्रांट पर रोक लगा दिया है क्योंकि विनोद राय पैनल के समय जो 11 करोड़ रुपये का अनुदान बीसीसीआई ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को दिया था लेकिन अफसोस बाद मे सौरभ गॉगुली ने बिहार का ग्रांट बंद कर दिया है क्योकि इसके लिए बीसीए के चरित्रवान् प्रशासक ही जिम्मेदार है।
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बीसीसीआई के वर्तमान दो पदाधिकारीयों से उनकी बात बिहार क्रिकेट को लेकर हुई थी। उस बातचीत में पता चला था कि बीसीसीआई बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के ताजा हलात को लेकर काफी चिंता में है और गुस्से में भी है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार क्रिकेट की सदस्यता को पहले की तरह ससपेंड करने तक की नौबत आ गई थी लेकिन उन्होंने जब याद दिलाया कि बीसीसीआई ने बिहार क्रिकेट को मान्यता सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिया है, आप एक पैरेंनट बॉडी है बिहार क्रिकेट संघ आपका यूनिट है कुछ कमी है वह सही हो सकती है आपके प्रयास से 18 सालो के संघर्ष के पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने बिहार को रणजी मैच खेलने का मौका दिया था।
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उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली से गुहार लगायी और बिहार के खिलाडिय़ों के भविष्य को बचाया जा सके । उन्होंने कहा कि दादा ने उनको भरोसा दिलाया है और बिहार बंगाल का पड़ोसी राज्य है इस कारण भी हमारा समर्थन बिहार के क्रिकेटरो के साथ रहेगा। बीसीसीआई बिहार के क्रिकेटरो के हित का ध्यान रखेगी, वित्तीय कार्य संचालन खर्च सब कुछ बीसीसीआई के ओर से मेरे पास रहेगी।
जल्द ही निर्णय से अवगत करा दिया जाएगा। आदित्य वर्मा ने कहा कि बिहार क्रिकेट को चलाने के लिए एक अनुभव प्रशासक की जरूरत है जल्दबाजी मे जब भी किसी ना समझ को वोट का राजनीति कर बिहार क्रिकेट के उच्चे पद पर बैठा दिजिएगा तो यही होगा जो आज हो रहा है ।