जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ में कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी पर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा कि बीजेपी सरकार यूपी पुलिस को दमन का औजार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी की नहीं।
… में उठाया। पहले फर्जी आरोपों को लेकर हमारे प्रदेश अध्यक्ष को चार हफ़्तों के लिए जेल में रखा।
ये पुलिसिया कार्रवाई दमनकारी और आलोकतांत्रिक है।
कांग्रेस के सिपाही पुलिस की लाठियों और फर्जी मुकदमों से नहीं डरने वाले।.. 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 30, 2020
प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा, ‘कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा सरकार यूपी पुलिस को दमन का औजार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी की नहीं। देखिए किस तरह यूपी पुलिस ने हमारे अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष को रात के अंधेरे में उठाया।’
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आगे प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘पहले फर्जी आरोपों को लेकर हमारे प्रदेश अध्यक्ष को चार हफ्तों के लिए जेल में रखा। ये पुलिसिया कार्रवाई दमनकारी और आलोकतांत्रिक है। कांग्रेस के सिपाही पुलिस की लाठियों और फर्जी मुकदमों से नहीं डरने वाले।’
गौरतलब है कि सोमवार को राजधानी लखनऊ से पुलिस ने कांग्रेस माइनॉरिटी सेल के चेयरमैन शाहनवाज़ आलम को गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि सीएए व एनआरसी के विरोध में 19 दिसंबर 2019 को हुए उपद्रव का मामले में पुलिस ने शाहनवाज़ आलम को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शाहनवाज आलम को मुख्यमंत्री आवास के निकट गोल्फ लिंक अपार्टमेंट के सामने से उठाया है।
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास के निकट गोल्फ लिंक अपार्टमेंट के सामने से शाहनवाज़ आलम को अचानक उठा लिया। इसी तरह आशीष अवस्थी को भी पुलिस थाने उठाकर ले गई। आशीष अवस्थी यूपीसीसी के सोशल मीडिया का काम देखते हैं। पुलिस ने आशीष अवस्थी की गिरफ्तारी की अबतक जानकारी नहीं दी है।
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हम सब हजरतगंज कोतवाली में बैठे है, पुलिस अब भी साफ – साफ नहीं बता रही कि शाहनवाज जी को कहां लें गई है और ना ही यह स्पष्ट कर रही कि किस मामले में लाई है। जब तक प्रशासन स्पष्ट नहीं करती तब तक हम यहीं बैठेंगे। pic.twitter.com/UKUQlW2h71
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) June 29, 2020
जब इस बात की सूचना यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू और कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा को मिली तो वे अपने समर्थकों के साथ हजरतगंज कोतवाली पहुंच गए।
उ०प्र० पुलिस ने कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शहनवाज आलम जी को संदिग्ध तरीके उठा लिया, हजरतगंज थाने के बाहर रिहाई मांग करने पर लाठीचार्ज किया@AjayLalluINC और कांग्रेसजनों के साथ शहनवाज जी की रिहाई के लिए हमने भी पूरा प्रयास किया, किन्तु इस शासन में हर जगह हिटलरशाही है pic.twitter.com/HreceipOuU
— Aradhana Misra-Mona (@aradhanam7000) June 29, 2020
देखते ही देखते शहरभर से कांग्रेस कार्यकर्ता वहां जमा हो गए। अपने नेताओं को छुड़ाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान थाने पर भारी पुलिस बल बुला लिया गया। जब कांग्रेस नेताओं का हंगामा बढ़ने लगा तो पुलिस ने हल्का लाठी चार्ज कर दिया। अब इस मामले को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है।
रात के अंधेरे में सादे ड्रेस में पुलिस गिरफ्तारी करे। कुछ भी बताने से इंकार करें। कोतवाली आकर पूछने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करे – ये यूपी की बहादुर पुलिस है। राजनीतिक आकाओं के दबाव में यह अपनी शपथ भूल चुकी है। pic.twitter.com/vbPcxzTTol
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) June 29, 2020
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार डरी हुई है, और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेज रही है। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि अगर पुलिस इन्हें रिहा नहीं करती है तो मंगलवार को कांग्रेस जोरदार प्रदर्शन करेगी।
अल्पसंख्यक विभाग चेयरमैन की गिरफ्तारी के विरोध में आधी रात हज़रतगंज कोतवाली में मौजूद @AjayLalluINC जी और @aradhanam7000 जी
कॉंग्रेस के सवालों से परेशान योगी सरकार कॉंग्रेस पदाधिकारियों पर पुलिसिया ज़ोर ज़बरदस्ती दिखा रही है
कॉंग्रेस खडी है अपने एक एक सिपाही के साथ pic.twitter.com/a8Kq2iCyV5— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) June 29, 2020
देर रात कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए लखनऊ पुलिस ने एक बयान जारी किया है। डीसीपी सेंट्रल दिनेश सिंह ने कहा कि दिनांक 29-6-2020 को शाहनवाज आलम की गिरफ्तारी हुई है, जो कि कांग्रेस के पदाधिकारी हैं।
पुलिस ने कहा कि मुकदमा अपराध संख्या 600/19 के तहत 19-12-2019 को सीएए और एनआरसी को लेकर जो प्रोटेस्ट हुआ था, उस घटना में इनका नाम पूर्व से प्रकाश में आया था, जिसकी साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया जारी थी. पर्याप्त साक्ष्य प्राप्त होने के बाद उनको आज गिरफ्तार किया गया है। आगे संवैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में बीते वर्ष 19 दिसंबर को लखनऊ को हिंसा की आग में झोंकने वाले उपद्रवी तत्वों पर प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। विभिन्न संगठनों द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान सुनियोजित तरीके से शहर में हर तरफ हिंसा फैलायी गयी थी।
हिंसा और उपद्रव के दौरान राजधानी में करीब पांच करोड़ रुपये की संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया था। हिंसा में चार थाना क्षेत्रों हजरतगंज, कैसरबाग, ठाकुरगंज और हसनगंज में उपद्रवियों ने तोडफ़ोड़ कर करीब 35 वाहनों को आगे के हवाले कर दिया था। हसनगंज थाना क्षेत्र के मदेयगंज और ठाकुरगंज की सतखंडा चौकी को आग के हवाले किया गया था। प्रशासन ने इस मामले वसूली की कार्रवाई कर रहा है। यह रिकवरी आदेश कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्रो में हुए नुकसान के लिए जारी किया गया है।