जुबिली न्यूज डेस्क
भारत-चीन के बीच तनाव अब भी बरकरार है। इसे खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच कई दिनों से बातचीत चल रही है, लेकिन अब तक समाधान नहीं निकल पाया है। इसी को लेकर भारत ने कहा है कि अगर चीन ने अपनी हरकत में कमी नहीं की तो आगे और माहौल खराब हो सकते हैं। अगर चीन ने समझौते का उल्लंघन किया तो भारत को भी अपनी सुरक्षा के हित में कदम उठाने पड़े।
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि बुधवार को दोनों देशों के बीच हुई वार्ता सकारात्मक रही है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि चीन ने जो किया वह दोनों देशों के बीच के हुए समझौते का उल्लंघन है।
ये भी पढ़े : भारत की सीमा पर नेपाल बना रहा है सड़क और हैलीपैड
ये भी पढ़े : नेता प्रतिपक्ष को लेकर MP कांग्रेस में क्यों बना हुआ है असमंजस
ये भी पढ़े : मध्य प्रदेश के राजभवन से बाहर निकलने को तैयार नहीं है कोरोना
भारत ने कहा कि चीन की हरकत दोनों देशों के बीच हुई तमाम समझौते को नकारते हैं। 1993 में दोनों देशों के बीच तय हुआ था कि एलएसी पर दानों देश अपनी सैन्य टुकड़ी को सीमा के अंदर रखेंगे। यहां न्यूनतम गतिविधि रखेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार बुधवार को दोनों देशों के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों खासकर पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर बातचीत हुई।
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक 17 जून को दोनों विदेश मंत्रियों की हुई मीटिंग में यह तय हुआ था कि दोनों देश जिम्मेदारी से मामले को सुलझाएंगे और 6 जून को वापस हटने के लिए जो आपस में सहमति हुई थी उसे सुलझाएंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि चीन का पक्ष अब शांति के लिए पहल करेगा।
भारत ने कहा कि चीन के सामने कूटनीतिकऔर सेना दोनों की ओर से विवाद को लेकर आपत्ति दर्ज की गई थी, लेकिन उनकी ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई। हाल के दिनों में चीनी सेना का रवैया बेहद अस्वीकार्य रहा है।
यह भी पढ़ें : ऐसे कैसे 2025 तक होगा भारत टीबीमुक्त ?
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : सरेंडर पर राजनीति नहीं मंथन करें हम
वहीं चीन ने कहा है कि यह विवाद सुलझाने का पूरा जिम्मा सिर्फ चीन पर नहीं है। इतना ही नहीं चीन ने लद्दाख में हिंसक झड़प के लिए एक बार फिर भारत को जिम्मेदार ठहराया है।
उसने दावा किया कि यह झड़प भारत की ओर से ‘आपसी समझौते को तोडऩे और एकतरफा उकसावे’ के कारण हुई। यह घटना ‘चीन के इलाके’ में हुई। चीन का यह बयान भारतीय दावे से बिल्कुल उलट है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीनी सैनिक मई से ही लद्दाख में एलएसी के पास भारत की पैट्रोलिंग बाधित कर रहे हैं।
भारत में चीन के एंबेसडर सन वीदोंग ने कहा है कि दोनों देश अपने मतभेदों को सुलझाने में पूरी तरह इ’छुक और सक्षम हैं। उन्होंने भारत से अपील की है कि उसे ऐसे किसी भी तरह का कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे लद्दाख में स्थिति जटिल हो जाए।
उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि भारतीय और चीनी पक्ष सीमा स्थिति को और जटिल बनाने से बचेंगे और इसी अनुरूप काम करेंगे।’ वीदोंग ने कहा कि आशंका और टकराव गलत रास्ता है और यह दोनों देशों के लोगों की आकांक्षाओं के विपरीत है।
चीनी एंबेसडर ने कहा, ‘चीन सीमा पर शांति और स्थिरता को बनाए रखने और संबंधों की बेहतरी के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है। इस समय भारत-चीन सीमा पर कुल मिलाकर स्थिति स्थिर और नियंत्रण में है।’ हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि चीन और भारत के बीच मौजूदा सीमा विवाद का समाधान कैसे हो सकता है, तो वीदोंग ने कहा, ‘इसका दायित्व चीन पर नहीं है।’