जुबिली न्यूज़ डेस्क
‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ की शुरुआत आज यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इस अभियान के तहत रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने और औद्योगिक संगठनों के साथ साझेदारी करने पर केंद्रित है. शुक्रवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस योजना की शुरुआत करेंगे.
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार देने जा रही है. यूपी सरकार का दावा है कि राज्य में सरकार एक करोड़ रोजगार मुहैया कराएगी. इस योजना को आत्मनिर्भर यूपी रोजगार अभियान का नाम दिया गया है जिसमें उद्योगों और अन्य संगठनों के साथ भी साझेदारी की जाएगी.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी उत्तर प्रदेश के छह जिलों के ग्रामीणों से भी बात करेंगे. राज्य के सभी जिलों के गांव सहज सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल होंगे. बता दें कि लॉकडाउन में जितनी औद्योगिक इकाइयां बंद थीं, उन सभी को 18 जून के बाद दोबारा चालू कराया गया है. इसमें कुल 7 लाख 8 हजार औद्योगिक इकाइयां हैं.
ये भी पढ़े : CM योगी के बाद हिंदूवादी नेता उपदेश राणा को बम से उड़ाने की धमकी
ये भी पढ़े : नेता प्रतिपक्ष को लेकर MP कांग्रेस में क्यों बना हुआ है असमंजस
ये भी पढ़े : मध्य प्रदेश के राजभवन से बाहर निकलने को तैयार नहीं है कोरोना
वहीं इससे पहले पीएम मोदी ने 20 जून के बिहार से गरीब कल्याण रोजगार योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत 6 राज्यों के 116 जिलों के प्रवासी श्रमिकों को काम दिया जाएगा. श्रमिकों को 125 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, जिसे एक मिशन के तहत चलाया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम किया है.
जरूरी होंगे ये कागज और शर्ते
इस योजना का लाभ लेने वाला नागरिक उसी राज्य का होना चाहिए जहां योजना क्रियान्वित है. व्यक्ति के पास आधार कार्ड होना भी अनिवार्य है. काम पाने वाले नागरिक को अपना निवास प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा. इस योजना के तहत सिर्फ 18 साल से अधिक लोगों को ही काम दिया जाएगा. कामगारों को उनके स्किल के अनुसार दिया जाएगा काम.
यहीं यूपी सरकार की तरफ से कहा गया है, ‘ कोविड-19 महामारी का श्रमबल, खासकर प्रवासी मजदूरों पर प्रतिकूल असर पड़ा है. ऐसे में ये अभियान पूरी तरह रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने और औद्योगिक संगठनों, अन्य संगठनों के साथ साझेदारी करने पर केंद्रित है.’
लगभग 30 लाख प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश में लौटे
सरकार की तरफ से बताया गया कि लगभग 30 लाख प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश में अपने घरों को लौटे हैं. राज्य के 31 जिलों में ही 25 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर लौटे हैं.
पीएम मोदी देंगे नियुक्ति पत्र
यूपी सरकार के अधिकारी के अनुसार, 29 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में जिन प्रमुख औद्योगिक संस्थाओं ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर कर ये फैसला किया था कि प्रवासी मजदूरों को बड़ी तादाद में रोजगार मुहैया कराएंगे. ये सभी संस्थाएं 11 लाख प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने जा रही है. पीएम नरेंद्र मोदी इन संस्थाओं की तरफ से 2 लाख प्रवासी कामगारों को नियुक्ति पत्र देंगे.