- उइगुर मुसलमानों के उत्पीडऩ के खिलाफ ट्रंप ने कानून पर हस्ताक्षर किए
- चीन में उइगुर मुसलमानों के साथ बर्ताव को लेकर दुनियाभर में नाराजगी
जुबिली न्यूज डेस्क
चीन में उइगुर मुसलमानों के साथ बर्ताव को लेकर दुनियाभर में नाराजगी है। इसको लेकर कई बार चीन की आलोचना हो चुकी है पर चीन ने कभी भी न तो अपनी गलती मानी। फिलहाल अब चीन उइगुर मुसलमानों के साथ ज्यादती नहीं कर सकेगा क्योंकि अमेरिका में कानून पास हो गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने बुधवार 17 जून को एक कानून पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कानून के अनुसार चीन में उइगुर मुसलमानों के साथ सामूहिक उत्पीडऩ करने वाले अधिकारियों पर प्रतिबंध लग जाएगा। नए कानून के तहत अमेरिकी प्रशासन को उन चीनी अधिकारियों पर कार्रवाई का प्रावधान दिया गया है जो चीन में उइगरों के उत्पीडऩ के लिए जिम्मेदार हैं।
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चीन की सरकार 2016 से ही उइगुर मुसलमानों को गिरफ्तार कर कैंपों में रख रही है। आधिकारिक तौर पर इन कैंपों को वोकेशनल एजुकेशन ट्रेनिंग सेंटर कहा जाता है, जबकि आलोचक इसे हिरासत कैंप ही कहते हैं। उनका कहना है कि इन कैंपों में उइगुर मुसलमानों की पहचान खत्म करने की कोशिश होती है।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक चीन ने करीब 10 लाख उइगुर और अन्य मुसलमानों को जबरन कैंपों में कैद कर रखा है और उन्हें इस्लाम धर्म से दूर करने की कोशिश की जाती है। हालांकि बीजिंग आधिकारिक तौर पर इन कैंपों को वोकेशनल एजुकेशन ट्रेनिंग सेंटर कहता आया है।
इतना ही नहीं कई उइगुर मुसलमान चीन से भाग कर विदेशों में जा बसे हैं। कैंप में रखे जाने वाले लोगों का कहना है कि वहां विचारों को बदलने के लिए कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है, साथ ही मंदारिन भाषा के कोर्स कराए जाते हैं।
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राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम की लोगों को पहले से उम्मीद थी। उम्मीद जताई जा रही थी कि वह उइगुर मानवाधिकर कानून पर हस्ताक्षर करेंगे।
अमेरिकी कांग्रेस की ओर से लगभग सर्वसम्मति से पारित इस कानून में अमेरिकी प्रशासन को उन चीनी अधिकारियों पर “कार्रवाई” का प्रावधान करता है जो उइगरों और अन्य अल्पसंख्यकों की “मनमानी हिरासत, यातना और उत्पीडऩ” के लिए जिम्मेदार हैं।
ट्रंप ने अपने एक बयान में कहा, “यह कानून मानवाधिकारों के उल्लंघन और अपमानजनक शिविरों के व्यवस्थित इस्तेमाल के उल्लंघन करने वाले अधिकारियों को जवाबदेह ठहराएगा। उइगुर और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ जबरन श्रम कराने, उन पर निगरानी करने, जातीय पहचान और धार्मिक मान्यताएं खत्म कराने के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई का प्रावधान इस कानून में है।”
इस कानून में अमेरिकी प्रशासन को यह निर्धारित करने की जरूरत होगी कि उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों की “मनमानी हिरासत, यातना और उत्पीडऩ” के लिए कौन चीनी अधिकारी जिम्मेदार हैं।
इस कानून के तहत उत्पीडऩ करने वाले चीनी अधिकारियों की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और उनकी अमेरिका में एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।