Tuesday - 29 October 2024 - 3:33 PM

साउथ कोरिया के बहाने से किम यो योंग ने साधा अमेरिका पर निशाना

जुबिली न्यूज डेस्क

आखिरकार उत्तरी कोरिया के शासक किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने साबित कर दिया कि वह अपने भाई से किसी मामले में कम नहीं है। वह अपने भाई की तरह ही क्रूर भी हैं और निडर भी।

तीन दिन पहले किम जोंग की बहन से साउथ कोरिया को धमकी देते हुए कहा था कि वो सीमा पर गुब्बारे छोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, इसका परिणाम उनको भुगतना पड़ेगा। धमकी देने के एक दिन बाद ही किम यो जोंग ने सीमावर्ती शहर केसोंग में स्थित संपर्क कार्यालय को विस्फोट से उड़वा दिया।

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दरअसल किम यो जोंग ने एक तीर से दो जगह निशाना साधा। पहला तो उन्होंने साउथ कोरिया को संदेश दिया कि वह कमजोर नहीं है और दूसरा अमेरिका को।

पहले नार्थ कोरिया ने दक्षिण कोरिया को संबंध खत्म करने की धमकी दी और फिर संबंध खत्म करने का बाकायदा ऐलान भी कर दिया। और इसके कुछ ही दिन बाद अब नार्थ कोरिया ने साउथ कोरिया से सम्पर्क पर बने ऑफिस को भी उड़ा दिया है। इस धमाके ने साउथ कोरिया को भी दहला दिया है क्योंकि साउथ कोरिया युद्ध नहीं चाहता, लेकिन उसे अब समझ में आ रहा है कि नार्थ  कोरिया युद्ध के लिए आमादा हो गया है।

क्या है तनाव की वजह

दरअसल नॉर्थ कोरिया से विद्रोह कर काफी संख्या में लोग भागकर साउथ कोरिया पहुंच गए हैं। इन लोगों को वहां शरण मिल गई। ये विद्रोही दोनों देशों की सीमा पर पहुंचकर वहां हाइड्रोजन से भरे गुब्बारे उड़ाते हैं। इन गुब्बारों के साथ किम की ज्यादतियों और क्रूरता के पर्चे बनाकर बांटा जाता है। इन पर्चों को उड़ाए जाने वाले गुब्बारों के साथ बांध दिया जाता है। ये गुब्बारे जब उड़कर नॉर्थ कोरिया की सीमा में पहुंच जाते हैं वहां लोग इनको उठाकर पढ़ते हैं और तानाशाह के प्रति दुर्भाव रखते हैं। इसकी वजह से ही नार्थ कोरिया काफी गुस्से में था।

इसकी जानकारी जब किम की बहन यो जोंग को हुई तो उन्होंने साउथ कोरिया को धमकाते हुए कहा था कि यदि वो इन चीजों पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता तो नॉर्थ कोरिया उनके साथ संबंध खत्म कर लेगा। तीन दिन पहले दोनों देशों के बीच बनाई गई हॉटलाइन को बंद कर दिया गया। हॉटलाइन बंद होने के बाद साउथ कोरिया से संबंध सुधारने की दिशा में कदम उठाए गए मगर नॉर्थ कोरिया नहीं माना और मंगलवार को नॉर्थ कोरिया ने सीमावर्ती शहर केसोंग में स्थित इस संपर्क कार्यालय को विस्फोट से उड़वा दिया।

नार्थ कोरिया के इस कदम पर जानकारों का कहना है कि किम यो जोंग ने ये कदम बहुत सोच-समझकर उठाया है। दरअसल उन्होंने इससे संदेश देने की कोशिश की है कि उत्तरी कोरिया कमजोर नहीं है। वह पहले की ही तरह ताकतवर है।

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दरअसल पिछले महीने उत्तरी कोरिया के शासक किम जोंग के मृत्यु की खबर आई थी। कई कयास लगाए गए थे कि उनकी सर्जरी की वजह से मृत्यु हो गई। अमेरिका भी इस पर नजर बनाए हुए था। हालांकि उत्तरी कोरिया ने अब तक ऐसी खबरों पर मुहर नहीं लगाई है। इन खबरों के बीच में एक बार किम जोंग एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखे थे। उस पर विवाद हुआ था। ऐसा कहा गया था कि वह असली किम जोंग नहीं है। यह उनका हमशक्ल है। फिलहाल अभी तक किम जोंग को लेकर रहस्य बना हुआ है।

जानकारों के मुताबिक किम जोंग की अनुपस्थिति में उनकी बहन किम यो जोंग कामकाज देख रही है। उनके बारे में कहा जाता है कि वह अपने भाई से भी क्रूर है। शायद यह धमाका कर वह साउथ कोरिया के साथ-साथ अमेरिका को संदेश देने की कोशिश की हैं कि उत्तरी कोरिया पहले की ही तरह मजबूत स्थिति में है। वह कमजोर नहीं हुआ है।

किम यो जोंग के इस कदम से दक्षिणी कोरिया भी डर गया है। अब वह सुलह करना चाहता है और उसके लिए उसने नार्थ कोरिया को अपना संदेश भी भेजा है।

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जनवरी से बंद था संपर्क कार्यालय

नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच केसोंग में बना संपर्क कार्यालय कोरोना वायरस की महामारी की वजह से जनवरी से बंद था। इस कार्यालय को वर्ष 2018 में किम जोंग उन और साउथ कोरियाई राष्ट्रपति  मून जेई इन के बीच तीन शिखर वार्ता के बाद खोला गया था। पहले इस भवन का उपयोग केसोंग इंडस्ट्रियल कांप्लेक्स के कार्यालय के तौर पर होता था। केसोंग इंडस्ट्रियल कांप्लेक्स दोनों देशों का एक संयुक्त उद्यम था, जिसे 2016 में नॉर्थ कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों पर असहमति के कारण निलंबित कर दिया गया था।

साउथ कोरिया ने चार मंजिला इस भवन के नवीनीकरण के लिए 2018 में 65 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए थे। जब यह संपर्क कार्यालय चलता था तो दोनों देशों के दर्जनों अधिकारी यहां बैठकर काम करते थे। इतना ही नहीं साउथ कोरिया के अधिकारी प्रत्येक सप्ताह नॉर्थ कोरिया के इस संपर्क कार्यालय में आते थे और यहां स्थित आवासीय इमारतों में ठहरते थे।

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