जुबिली न्यूज डेस्क
LAC पर सोमवार रात हो हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। वहीं, इस घटना में चीन को भी भारी नुकसान हुआ है। खबरों की माने तो इस हिंसक झड़प में चीन के 43 सैनिक हताहत हुए हैं। इसमें से कई की मौत हुई है तो कई घायल हैं। हालांकि, चीन की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हिंसा और मौत की खबरों पर चिंता जताई और दोनों पक्षों से “अधिकतम संयम” बरतने का आग्रह किया।
भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद अमेरिका ने कहा है कि वह पूरे हालात पर करीब से नजर बनाए हुए है। अमेरिका ने हिंसक झड़प में शहीद हुए भारत के 20 जवानों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं।
We are closely monitoring the situation between Indian and Chinese forces along the Line of Actual Control. We note the Indian Army has announced that 20 soldiers lost their lives, we offer our condolences to their families: US State Department Spokesperson to ANI
— ANI (@ANI) June 16, 2020
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गलवान घाटी के पास हुई यह हिंसक झड़प भारत को गहरी चोट दे गई है। देश ने अपने 20 जांबाजों को खो दिया। जम्मू और कश्मीर के उरी और पुलवामा में आतंकी हमले के बाद ये हाल के वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी घटना है, जिसमें सैनिकों की इतनी बड़ी क्षति हुई है।
उरी और पुलवामा में भारत को नुकसान पहुंचाने वाला दुश्मन भी चीन का दोस्त पाकिस्तान ही था। इन आतंकी हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारी चोट पहुंचाई थी।
18 सितंबर 2016 को उरी में हुए आतंकी हमले में भारत के 19 जवान शहीद हो गए थे। ये हमला सुबह साढ़े पांच बजे आतंकवादियों ने उरी में स्थित भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर किया था। आतंकवादियों ने 3 मिनट में 17 हैंड ग्रेनेड फेंके। उसके बाद आतंकवादियों के साथ सेना की 6 घंटे तक मुठभेड़ चली और चारों आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया।
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उरी हमले के ठीक 10 दिन बाद भारत ने पाक को सबक सिखाने की योजना बनाई और 150 कमांडोज की मदद से सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। भारतीय सेना के जवान पूरी प्लानिंग के साथ 28-29 सितंबर की आधी रात पीओके में सीमा में 3 किलोमीटर अंदर घुसे और आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर डाला।
सुरक्षा बलों ने वहां घुसकर बिना मौका गंवाए आतंकियों पर ग्रेनेड फेंक दिया। अफरातफरी फैलते ही स्मोक ग्रेनेड के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग की। देखते ही देखते 38 आतंकवादियों को मार गिराया गया। हमले में पाकिस्तानी सेना के 2 जवान भी मारे गए।
14 फरवरी 2019 को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले को कौन भूल सकता है। इस आतंकी हमले में 45 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में सुरक्षाबलों के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन ने आत्मघाती हमला किया था। सुरक्षा बलों का काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से होकर जा रहा था। इस दौरान आतंकियों ने काफिले पर हमला बोल दिया।
इस हमले के 13 दिन बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी और जैश के कैंप को ध्वस्त किया था। इसके बाद पाकिस्तान का फाइटर प्लेन एफ-16 भारतीय सीमा में घुस गया था, जिसे भारतीय फाइटर प्लेन मिग-21 ने आसमान में ही मार गिराया था। लेकिन मिग-21 के विंग कमांडर अभिनंदन को पैराशूट से उतरना पड़ा था।
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दुर्भाग्यवश वे पाकिस्तानी सीमा में चले गए थे और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंधक बना लिया था। भारत के भारी दबाव के बाद अभिनंदन को पाकिस्तान सरकार ने भारत वापस भेज दिया था।
गलवान घाटी में विवाद क्यों?
गलवान घाटी लद्दाख और अक्साई चीन के बीच भारत-चीन सीमा के नजदीक स्थित है। यहां पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) अक्साई चिन को भारत से अलग करती है। चीन यहां पहले ही जरूरी सैन्य निर्माण कर चुका है और अब वो मौजूदा स्थिति बनाए रखने की बात करता है। वहीं, अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अब भारत भी वहां पर सामरिक निर्माण करना चाहता है। इसी को लेकर दोनों देशों में विवाद है।
चीन ने सीमा पर एकतरफा तरीके से यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया। इसकी वजह से हिंसक आमना-सामना हुआ। भारत ने हमेशा गतिविधि एलएसी के भीतर की है।