जुबिली स्पेशल डेस्क
कभी बीजेपी के खिलाफ रहने वाली मायावती के सुर लगातार बदल रहे हैं। यूपी की सियासत में मायावती का कद बड़ा माना जाता है लेकिन हाल के दिनों में बसपा की हालत भी किसी से छुपी नहीं है। यूपी में वनवास झेल रही बसपा पिछले काफी समय से कमजोर होती नजर आ रही है। मायावती से अपनी पार्टी को बचाने के लिए अखिलेश से दोस्ती की और उनका इस्तेमाल कर उनको किनारे कर दिया। अब सत्ता पक्ष की तरफ उनका झुकाव काफी हद तक देखने को मिल रहा है।
अगर थोड़ा सा गौर करेे तो उन्होंने हाल में योगी सरकार की कई मुद्दों पर तारीफ की है। इतना ही नहीं कांग्रेस की बस पॉलिटिक्स पर योगी का साथ दिया था और आजमगढ़ की घटना को लेकर मायावती ने एक बार फिर योगी सरकार की तारीफ कर डाली है। दलित वोट बैंक की सियासत यूपी में हमेशा ही होती आई है। यूपी के आजमगढ़ में दलित लड़कियों से छेड़छाड़ और मारपीट के मामले के बाद यह मुद्दा फिलहाल तूल पकड़े हुए है । योगी सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए 12 लोगों की गिरफ्तार किया है।
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मायावती ने भी योगी सरकार की पीठ थपाथपाने में देर नहीं की है और एक के बाद दो ट्वीट कर योगी के कदम की सराहना भी कर डाली । मायावती ने कहा कि आजमगढ़ में दलित बेटी के साथ हुए उत्पीडऩ के मामले में कार्रवाई को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री देर आए पर दुरस्त आए। यह अच्छी बात है।
हालांकि राजनीतिक के जानकर इसे सियासी फायदा बता रहे हैं। बताया तो यह भी जा रहा है कि यूपी के दलित वोटों पर कांग्रेस की निगाह लगी हुई है जिससे बसपा सुप्रीमो खुद को असहज मान रही है । इसके बाद से ही उन्होंने अपना सुर बदला है।
बीते कुछ दिनों से मायावती ने कई बार ऐसे रुख दिखाए हैं जिससे भाजपा को मदद मिलती दिखाई दे रही है। मायावती की बदली राजनीति पर वरिष्ठ पत्रकार किशोर निगम ने जुबिली पोस्ट से कहा कि पॉलिटिकल माइलेज के लिए बसपा सुप्रीमो इस तरह बयान दे रही है। उन्होंने कहा कि मायावती का जनाधर कम हो चुका है, इस वजह से मायावती दोबारा इसे हासिल करने के लिए ऐसा बयान दे रही है। जिससे बीजेपी या अन्य दल इसका पॉलिटिकल माइलेज न उठा पाये। किशोर निगम का मानना है कि मायावती के पास अब फिलहाल एक रिक्तता है और वे सुर्खियों में रहने के लिए अब इस तरह का बयान दे रही है।
जहां तक दलित वोट बैंक की बात है तो यह जगजाहिर है कि बसपा की सियासत का आधार भी यही वोट बैंक रहा है लेकिन अब मायावती को लगता है कि उनका यह वोट बैंक किसी और पार्टी में न चला इस वजह से दलित कार्ड खेल रही है।
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मायावती ने ट्वीट में क्या कहा है
मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि यू.पी में चाहे आजमगढ़, कानपुर या अन्य किसी भी जिले में खासकर दलित बहन-बेटी के साथ हुये उत्पीडऩ का मामला हो या फिर अन्य किसी भी जाति व धर्म की बहन-बेटी के साथ हुए उत्पीडऩ का मामला हो, उसकी जितनी भी निन्दा की जाये, वह कम है।
इसके बाद अगले ट्वीट में मायावती ने साथ ही, चाहे इसके दोषी किसी भी धर्म, जाति व पार्टी के बड़े से बड़े नेता व कितने भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों ना हो, उनके विरूद्व तुरन्त व सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चहिये। बी.एस.पी का यह कहना व सलाह भी है।
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खासकर अभी हाल ही में आजमगढ़ में दलित बेटी के साथ हुये उत्पीडऩ के मामले में कार्रवाई को लेकर यू.पी के मुख्यमंत्री देर आये पर दुरस्त आये, यह अच्छी बात है। लेकिन बहन-बेटियों के मामले में कार्रवाई आगे भी तुरन्त व समय से होनी चाहिये तो यह बेहतर होगा।
1. यू.पी में चाहे आजमगढ़, कानपुर या अन्य किसी भी जिले में खासकर दलित बहन-बेटी के साथ हुये उत्पीड़न का मामला हो या फिर अन्य किसी भी जाति व धर्म की बहन-बेटी के साथ हुए उत्पीड़न का मामला हो, उसकी जितनी भी निन्दा की जाये, वह कम है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) June 13, 2020
2. साथ ही, चाहे इसके दोषी किसी भी धर्म, जाति व पार्टी के बड़े से बड़े नेता व कितने भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों ना हो, उनके विरूद्व तुरन्त व सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चहिये। बी.एस.पी का यह कहना व सलाह भी है। 2/3
— Mayawati (@Mayawati) June 13, 2020
3. खासकर अभी हाल ही में आजमगढ़ में दलित बेटी के साथ हुये उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई को लेकर यू.पी के मुख्यमंत्री देर आये पर दुरस्त आये, यह अच्छी बात है। लेकिन बहन-बेटियों के मामले में कार्रवाई आगे भी तुरन्त व समय से होनी चाहिये तो यह बेहतर होगा। 3/3
— Mayawati (@Mayawati) June 13, 2020
आपको बता दें कि आजमगढ़ जिले में महराजगंज कोतवाली क्षेत्र के सिकंदरपुर आइमा गांव में लड़कियों के साथ कथित छेड़छाड़ के बाद दलित समुदाय की बस्ती हुए हमले के मामले में पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक ने महराजगंज कोतवाली के कोतवाल को निलंबित कर दिया है, जबकि सात फरार आरोपियों पर 25-25 हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस की चार टीमें फरार आरोपियों के संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।