जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. बिहार के बाद पश्चिम बंगाल में गृहमंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली के बाद बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच डिजीटल युद्ध की शुरुआत हो गई है. बीजेपी के आईटी सेल ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को डिजिटली बैक फुट पर लाने की भरसक कोशिश की लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने इन कोशिशों पर पानी फेर दिया.
शाह की वर्चुअल रैली के बाद ममता की तृणमूल कांग्रेस को यह टास्क मिला था कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की डिजीटल तैयारी में कहाँ खड़ी है. बीजेपी के लिए जहाँ यह लड़ाई बहुत आसान थी वहीं तृणमूल के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती थी. तृणमूल ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए कुछ ही घंटों में बीजेपी को ट्रेंड से ही बाहर कर दिया.
गृहमंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली को पश्चिम बंगाल के ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिखाने के मकसद से 70 हज़ार एलईडी स्क्रीन लगाई गई थीं. पश्चिम बंगाल की सत्ता से तृणमूल को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए अमित शाह ने बढ़-बढ़ कर हमले किये.
अमित शाह ने वर्चुअल रैली के ज़रिये ममता बनर्जी सरकार पर नागरिक संशोधन क़ानून के नाम पर हुई राजनीतिक हिंसा और प्रवासी मजदूरों की वापसी मामले में हमला बोलना शुरू किया तो तृणमूल कांग्रेस ने भी तत्काल काउंटर अटैक करना शुरू कर दिया. इस काउंटर अटैक में बीजेपी चारों खाने चित्त हो गई. अमित शाह ने जैसे ही कहा कि ममता बंगाल छोड़ने जा रही हैं तो तृणमूल ने फ़ौरन ही जवाबी हमला करते हुए पूछा कि भारतीय क्षेत्र में जमे चीनी कब वापस जा रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान अमित शाह की रैली के दौरान कोलकाता में ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़े जाने के मामले को भी प्रमुखता से उठाया.
अमित शाह की वर्चुअल रैली शुरू होते ही कोलकाता ट्वीटर पर हैशटैग की बाढ़ आ गई. बीजेपी ने #BanglarJanSamabesh चलाया तो तृणमूल ने फ़ौरन ही #BengalRejectsAmitShah शुरू कर दिया. बीजेपी कुछ देर तक तो नम्बर वन पर रही लेकिन धीरे-धीरे बीजेपी की वापसी शुरू हो गई. बीजेपी के 35 हज़ार ट्वीट के जवाब में तृणमूल ने 85 हज़ार ट्वीट किये और देखते ही देखते बीजेपी ट्रेंडिंग से बाहर हो गई.
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अमित शाह की वर्चुअल रैली के लिए बीजेपी ने शाह का सन्देश एक करोड़ लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया था. बीजेपी इस लक्ष्य को भी नहीं छू पाई. Youtube Stream पर सिर्फ 30 हज़ार व्यूज़ ही नसीब हो पाए. हालांकि फेसबुक पर शाह को करीब 20 लाख लोगों ने सुना लेकिन एक करोड़ वाला आंकड़ा तो दूर की कौड़ी ही साबित हुआ.
अमित शाह की वर्चुअल रैली ने पश्चिम बंगाल में यह साबित कर दिया है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी की राह आसान नहीं है.