जुबिली न्यूज़ डेस्क
60 के दशक के दिग्गज अभिनेता रहे सुनील दत्त ने बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक किरदार निभाए। लेकिन उनको लोकप्रियता डाकू के किरदार ने दिलाई। इसके बाद कई किरदारों को निभाकर उन्होंने अभिनय की दुनिया में एक अलग ही छाप छोड़ी। इसके अलावा उन्होंने कई फिल्मों में निर्माता और निर्देशन का काम भी किया।
लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे है कि जाने माने अभिनेता रहे सुनील दत्त का बचपन कितना कठनाइयों भरा रहा। और उनका राजधानी लखनऊ से भी गहरा नाता रहा।
दरअसल सुनील दत्त का जन्म पाकिस्तान के पंजाब डिस्ट्रिक्ट में पड़ने वाले झेलम में हुआ था। महज पांच साल की उम्र में पिता दीवान रघुनाथ दत्त की मृत्यु हो गयी थी। इसके बाद भारत पकिस्तान बटवारे के समय वो 18 साल के थे। इसी समय में सुनील दत्त अपने परिवार संग फंस गए थे। तब उनके पिता के दोस्त याकूब ने सुनील दत्त और उनके परिवार को बचाया था। और बाहर निकलने में मदद की थी।
तब सुनील दत्त पंजाब के यमुना नगर के छोटे से गांव मंदुअली में जा बसे, जोकि अब हरियाणा में है। इसके कुछ सालों बाद वे अपनी मां कुलवंतीदेवी दत्त को साथ लेकर लखनऊ शिफ्ट चले गये। यहां आकर उन्होंने अमीनाबाद की गलियों में सालों बिताए और यहीं से स्नातक की पढाई पूरी की।
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स्नातक पूरा करने के बाद सुनील मुंबई शिफ्ट हुए और जय हिन्द कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद हमेशा के लिए वहीं बस गए। अपने करियर की शुरुआत सुनील दत्त ने रेडियो से की इसके बाद 1955 में बॉलीवुड में कदम रखा। उन्होंने पड़ोसन, मेहरबान, जमीन आसमान और मदर इंडिया जैसी फिल्मों से खूब सुर्खियां बटोरी।
जब मिली अंडरवर्ल्ड से धमकी
फिल्म मदर इंडिया याद है आपको न। इस फिल्म में बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री नर्गिस और सुनील दत्त एक साथ नजर आए। फिल्म ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई। इसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया। लेकिन सुनील दत्त के लिए नरगिस से शादी करना आसान नहीं था।
दोनों के प्यार में नरगिस का मुस्लिम और सुनील का हिंदू होना भी था। दोनों के अफेयर के चर्चे उन-दिनों छाए रहते थे। जब ये बात मुंबई के एक बड़े डॉन को पता चली, जिसका कनेक्शन अंडरवर्ल्ड से तो वो नाराज हो गए थे। अब डॉन मुस्लिम थे तो उन्होंने सुनील दत्त को धमकी तक दे डाली थी, लेकिन सुनील दत्त को इसका जरा भी डर नहीं था। और वो अंडरवर्ल्ड के पास बात करने पहुंच गए।
उनकी इस बात का जिक्र फिल्म संजू के एक दृश्य में दर्शाया गया है। इसके बाद दोनों ने साल 1958 में शादी कर ली।
नर्गिस का लखनऊ कनेक्शन
सुनील दत्त के लखनऊ कनेक्शन के साथ ही नर्गिस का भी राजधानी लखनऊ से गहरा नाता था। नर्गिस की मां जद्दन बाई एक मशहूर गायिका थी और वो बनारस की रहने वाली थी। पांच वर्ष की उम्र में उनके सौतेले पिता की मृत्यु हो गई। इसके बाद प्रशिक्षण के लिए जडन बाई शहर आई। ऐसे वे कोलकाता आईं और उन्हें एक कोठे को सौप दिया गया, जहां उनकी मुलाकात मोहन बाबू से हुई।
पंजाब के एक खानदानी रईस के सुपुत्र मोहन बाबू डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए कोलकाता से लंदन जाने वाले थे। लेकिन किसी कारणवश मोहन बाबू को कोलकाता रुकना पड़ा। एक दिन वे घूमते-फिरते जद्दनबाई के कोठे पर जा पहुंचे और उनके सौंदर्य और माधुर्य के इस कदर दीवाने हो गए कि उनसे विवाह की जिद पकड़ ली। व्यावहारिक बुद्धि की जद्दनबाई ने उन्हें समझाया कि वे यह आत्मघाती जिद छोड़ दें।
जद्दनबाई ने अपने पहले पति से तलाक ले लिया था और उन दिनों वह उनके लिए तबला बजाता था। मोहन बाबू के परिवार ने उन्हें सारी जायदाद से वंचित कर दिया। जद्दनबाई को जुनूनी आशिक से विवाह करना पड़ा और उनकी पुत्री हुई नरगिस।